अफवाह रोकने में पत्रकारों का पुलिस सहयोग करें पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नही
अफवाह रोकने में पत्रकारों का पुलिस सहयोग करें
पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नही
प्रयागराज। पुलिस गलत जानकारी और अफवाह न फैलने के लिए व्यवस्था बनाएं। सही या गलत सूचनाओं के वेरिफिकेशन के लिए अधिकारी नियुक्त करें जिससे पत्रकार गलत सूचनाओं की जांच कर सके । साथ ही सही जानकारी का प्रकाशन भी किया जा सके। मीडिया की आड़ में असामाजिक तत्वों पर लगाम लगे । यह बात इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब की बैठक में पारित हुए प्रस्ताव में कहा गया है। बैठक में अफवाह व गलत समाचार को रोकने का संकल्प दोहराया गया।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब प्रयागराज की मासिक बैठक के नारद सभागार में संपन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता क्लब के संथापक/संरक्षक वीरेंद्र पाठक ने की, जिन्होंने पत्रकारिता के मूल्यों और पत्रकारों के अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में अध्यक्ष दिनेश तिवारी के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी । पुलिस अभी भी अपराध की सही जानकारी के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर पाई है। जबकि पूर्व में अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही जानकारी के सत्यापन के लिए व्यवस्था की जाएगी।
बैठक में प्रस्ताव पास पत्रकार के उत्पीड़न की निंदा की गयी। बताया गया कि एक पत्रकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब के ग्रुप में एक अपराध की सूचना के साथ उसे सत्यापित करने तथा जानकारी मांगी गई। जब पुलिस से इसको सत्यापित किया गया तो उसने जानकारी गलत बताइ । लेकिन बिना प्रशासन के किसी सोशल मीडिया पर यह सूचना प्रसारित न होने के बावजूद उस पत्रकार पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाकर उत्पीड़न किया गया।
बैठक में इस पर सवाल उठाया गया कि जानकारी को सत्यापित करने के लिए पूछने पर कैसे कोई सूचना अफवाह बन सकती है ? यह पुलिस की उत्पीड़न की करवाई है । इस मामले को उच्च अधिकारियों और शासन तक सूचित करने के साथ आवश्यक नीति बनाने की मांग की गई। साथ ही इसे स्वतंत्र पत्रकारिता में दखल बताया गया। बैठक कहा गया कि अतीक अहमद के हत्यारे मीडिया की आड़ में अपराध किये। इसी तरह खनन माफिया लैण्ड माफिया पासर गैंग भी कतिपय पुलिस कर्मियों के संरक्षण में फल फूल रहे हैं । इन पर रोक लगाना आवश्यक है।
बैठक की शुरुआत में क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता ने पिछले महीने की गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि पूर्व में अधिकारियों को ज्ञापन देकर इस पर कार्यवाही की मांग की गई थी किंतु आश्वासन के बाद भी आज तक कोई तंत्र विकसित नहीं हो सका। अब खबर सही है या गलत पूछने पर पुलिस मुकदमा दर्ज करने की धमकी देती है।
वीरेंद्र पाठक ने अपने संबोधन में पत्रकारिता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आज के समय में पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, और इसे मजबूत बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। पत्रकारों की जिम्मेदारी है कि वे समाज के समक्ष सच्चाई प्रस्तुत करें, चाहे इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना क्यों न करना पड़े।”
सही और सच्ची खबर को प्रकाशित करना ही सही पत्रकारिता है।
वीरेंद्र पाठक ने पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए क्लब की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, “क्लब का उद्देश्य न केवल पत्रकारों की आवाज को बुलंद करना है, बल्कि उनके सम्मान की रक्षा के लिए हर लड़ाई लड़ना भी है। हम किसी भी प्रकार के अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर खड़े रहेंगे।”
बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें पत्रकारों के कार्यस्थल पर सुरक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया पर सरकारी दबाव के खिलाफ रणनीतियाँ शामिल थीं। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारों को बिना किसी भय के अपने कार्य को अंजाम देने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे देश में पत्रकारिता की स्वतंत्रता को संरक्षित रखने के लिए आवश्यक है कि हम सभी मिलकर इसके लिए आवाज उठाएं।”
बैठक में निर्णय लिया गया कि इस सभी विषय पर जल्द ही आलाधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा।
बैठक में वीरेंद्र पाठक, पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता, जवाहर श्रीवास्तव, विवेक पांडे, सचिव पवन पटेल, उपाध्यक्ष सैयद मोहम्मद आमिर, कुलदीप शुक्ला, विनय कुमार सिंह,नितेश सोनी, धीरज कुमार, जी एन वैश, मोहम्मद लईक, आयुष श्रीवास्तव अभिनव केसरवानी अरशद नवाज पंकज शुक्ला नीरज शर्मा मोहम्मद इमरान युसूफ़ी,गगन सिंह, मिथिलेश पाठक, शमसाद खान,विजीत कुशवाहा, आरिज़ खान, शयमु कुशवाहा, राजिक शामिल रहे।