September 20, 2024

यौमे सज्जाद पर अज़ादारों ने दहकते अंगारों पर नंगे पैर चल कर किया मातम

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यौमे सज्जाद पर अज़ादारों ने दहकते अंगारों पर नंगे पैर चल कर किया मातम

यौमे सज्जाद पर अज़ादारों ने दहकते अंगारों पर नंगे पैर चल कर किया मातम

तहफ्फुज़े अज़ा सोसायटी की ओर से दरियाबाद में हुआ दहकते अंगारों पर मातम व तेज़ धार की छूरीयों से लैस ज़ंजीरों से पुश्तज़नी

*हम हुसैनी लिए हांथों में अलम ग़ाज़ी का*
*शान से चलते हैं जलते हुए अंगारों पर*

शहादत इमाम हुसैन के बाद बीमारे करबला व चौथे इमाम ज़ैनुल आबेदीन को हांथों में हथकड़ी व पैरों में बेड़ीयां व गले में खारदार तौक़ डाल कर जो अज़ीयत लश्करे यज़ीदी ने दी थी उसकी याद में माहे मोहर्रम की पच्चीसवीं को दरियाबाद में तहफ्फुज़े अज़ा सोसायटी की ओर से इमामबाड़ा नवाब बेगम बड़ा घर के विशाल मैदान में दहकते अंगारों पर नंगे पैर चल कर मातम किया गया।नजीब इलाहाबादी के संचालन में नायाब बलियावी ने पेशख्वानी तो दिल्ली के मौलाना हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैय्यद नज़र मोहम्मद ज़ैनबी साहब क़िबला ने शहादत ए इमाम ए ज़ैनुल आबेदीन पर ढ़ाए गए ज़ुल्मो सितम की दास्तां बयां कि।इमाम जुमा सैय्यद हसन रज़ा ज़ैदी साहब क़िब्ला की सदारत (अध्यक्षता)में खतीबे अहलेबैत अशरफ अब्बास खान ने तक़रीर की।मेंहदी हसन ने खुसूसी नौहा पढ़ा।बड़ा घर सहित मैदान की सभी लाईटों को बुझा कर मोमबत्ती की रौशनी और लोहबान की धूनी में ताबूत इमाम ज़ैनुल आबेदीन निकाला गया वहीं ग़ाज़ी अब्बास का अलम मुबारक भी साथ साथ रहा।नौजवान हांथों में लाल हरे झण्डे लहराते हुए जुलूस की शक्ल में दहकते अंगारों पर नंगे पांव चल कर मातम करते रहे।वहीं अन्जुमनों के सदस्यों ने एक साथ तेज़ धार की छूरीयों से लैस ज़ंजीरों से पुश्तज़नी की।आयोजक व तहफ्फुज़े अज़ा सोसायटी के सदस्य यासिर सिबतैन के अनुसार दो सौ रुपए की मोमनीन की काटी गई रसीद का क़ुर्राअंदाज़ी से तीन नाम निकाले गए जिन्हें इराक़ व ईरान में रौज़ों की ज़ियारत को भेजा जाएगा।वहीं दूसरा बड़ा आयोजन चक ज़ीरो रोड पर इमामबाड़ा डिप्यूटी ज़ाहिद हुसैन में हुआ जहां फैज़ान आब्दी ने सोज़ व मर्सिया पढ़ा तो अम्बेडकर नगर के अर्शी रिज़वी ने पेशख्वानी की। मौलाना आमिरुर रिज़वी ने मजलिस को खिताब किया।शबीह ए ताबूत इमाम ज़ैनुल आबेदीन की ज़ियारत के साथ अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया बख्शी बाज़ार अन्जुमन अब्बासिया रानीमंडी व अन्जुमन मोहाफिज़े अज़ा दरियाबाद ने नौहों व मातम की सदाएं बुलन्द की।‌अरशी रिज़वी अम्बेडकर नगर ने खुसूसी नौहा भी पढ़ा। अन्जुमन इमामिया चक के सदस्यों ने तेज़ धार की छूरीयों का मातम किया।शम्स नगर करैली में शहादत इमाम जैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम पर सैय्यद वक़ार हुसैन के अज़ाखाने पर मजलिस आयोजित कि गई जिसमें फ़ैज़ जाफरी ने सोज़ख्वानी तो खतीब ए अहलेबैत रज़ा अब्बास जैदी ने शहादत का वर्णन किया। अन्जुमन अब्बासिया रानीमंडी ने नौहा व मातम का नज़राना पेश किया।शबीहे ताबूत की जियारत भी कराई गई।

*फात्मा वेलफेयर सोसायटी के स्वास्थ्य शिविर में अज़ादारों को दी गई मुफ्त चिकित्सा सुविधा व दवाईयां*

तहफ्फुज़े अज़ा सोसायटी दरियाबाद की ओर से आयोजित अंगारों पर मातम कार्यक्रम में फात्मा वेलफेयर सोसायटी व नाज़ मल्टिस्पेशियलीटी हास्पिटल की ओर से लगे निःशुल्क चिकित्सा शिविर में लगभग छै सौ पचास लोगों की डॉ जमशेद अली जनरल मेडिसिन व डॉ नावेद शेख जनरल मेडिसिन ने जांच उपरांत मुफ्त दवाईयां भी दीं तो वहीं मरीजों का ब्लड प्रेशर व शूगर की जांच भी मुफ्त की गई। शिविर को संचालित करने में मैनेजर अर्सलान खान , सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,ज़ीशान हुसैन व नितिश तिवारी आदि द्वारा सहयोग किया गया पार्षद फसाहत हुसैन,यासिर सिब्तैन ,नजीब इलाहाबादी ,मशहद अली खान आदि शामिल रहे।

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रिपोर्ट एल एन सिंह

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