प्रयागराज के भारद्वाज आश्रम में भगवान श्री कल्कि जी की मूर्ति की स्थापना का दो दिवसीय कार्यक्रम 21 जून को प्रारंभ हुआ
प्रयागराज।। प्रयागराज के भारद्वाज आश्रम में भगवान श्री कल्कि जी की मूर्ति की स्थापना का दो दिवसीय कार्यक्रम 21 जून को प्रारंभ हुआ। पहले दिन भगवान कल्कि जी की मूर्ति का पूजन हुआ, जिसमें सभी ग्रहों की पूजा की गई। इसके साथ ही, ऋषि भारद्वाज जी और भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियों की भी पूजा की गई और प्राणप्रतिष्ठा की गई ।
इस अवसर पर विशेष हवन का आयोजन किया गया, इसके बाद कार्यक्रम का समापन भंडारा वितरण से हुआ ।
आज सुबह फिर से विशेष हवन का आयोजन किया गया, जिसके बाद मूर्ति स्थापना का कार्य संपन्न हुआ।
भक्तों के अनुसार, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में कल्कि भगवान के प्रति जागरूकता पैदा करना है। कल्कि भगवान भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक और कलयुग के देवता माने जाते हैं, जिनका प्रमुख उद्देश्य बुराई पर विजय प्राप्त करना है। वर्तमान में समाज में बढ़ते अत्याचार और अन्याय वर्ल्ड वॉर जैसी स्थिति बन रही है जिसके के चलते भक्तों को लगता है कि कल्कि अवतार जल्द ही होने वाला है।
इस कार्यक्रम में ऋषि भारद्वाज का महत्व बताते हुए कहा गया कि उन्होंने पहले विश्वविद्यालय की स्थापना की थी और आयुर्वेद के रचयिता भी थे और भगवान राम उन्हीं के पास वनवास जाते समय आए थे और प्रयागराज उनका शहर है इसलिए भरद्वाज जी की मूर्ति भी स्थापित की गई साथ ही भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के रचनाकार के रूप में माना जाता है और जैसे उन्होंने कृष्ण के लिए द्वारिका बनाई थी वैसे ही वह कलयुग का भी पुनः निर्माण करेंगे ऐसा हमारा मानना है ।
भक्तों ने इस आयोजन में भाग लिया, जिसमें मुख्य यजमान के रूप में विमल पांडे और अर्चना पांडे ने भूमिका निभाई।
साथ ही इस कार्यक्रम में उज्जैन से और प्रयागराज के कई विद्वान शामिल रहे साथ ही इसमें कल्कि धाम संस्था ने आयोजन में संपूर्ण सहयोग दिया, और पूजा के बाद मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपूर्ण हुई।