September 19, 2024

प्रयागराज में मातृशक्ति महासंगम का आयोजन, हजारों दीये जलाकर माहौल का बना दिया राममय

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संगम तीरे राष्ट्र निर्माण का मातृशक्तियों ने लिया संकल्प

प्रयागराज में मातृशक्ति महासंगम का आयोजन, हजारों दीये जलाकर माहौल का बना दिया राममय

शक्ति का नाम ही नारी, मां के पेट से निकलते हैं संस्कार : न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान

मातृशक्ति संगम के महासंगम में रविवार को हजारों महिलाओं ने परेड ग्राउंड स्थित पंडाल में एक साथ हजारों दीये जलाकर पूरे माघ मेला क्षेत्र को राममय बना दिया। महिला समन्वय विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जुटी मातृशक्तियों ने अपनी ताकत दिखाई। महिलाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। विश्व हिंदू परिषद के परिसर में जुटीं महिलाओं ने संदेश दिया कि उनके बिना एक बेहतर राष्ट्र निर्माण संभव नहीं है। महिलाओं ने संकल्प लिया कि वह राष्ट्र के निर्माण में अपना अहम योगदान देंगी। कार्यक्रम को तीन सत्र में विभाजित किया गया। यहां नौ ऐसी महिलाओं को सम्मानित किया गया जो अलग अलग क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। मंच पर देशभक्ति गीतों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। यहां महिलाओं ने दीया जलाया और पूरे माहौल का राममय बना दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस मंजूरानी चौहान ने कहा, मुझे गर्व है कि मैं हिंदुस्तानी नारी हूं। शक्ति का नाम ही नारी है और मातृशक्ति का नाम ही नारी है। उन्होंने कहा.. संस्कार मां के पेट से निकलता है।

“किस शास्त्र में लिखा है कि महिलाएं ही खाना बनाएंगी”

न्यायमूर्ति मंंजूरानी चौहान ने कहा कि किस रामायण या शास्त्र में लिखा है कि महिलाएं ही खाना बनाएंगी व बर्तन धुलेंगी। इसके लिए पुरुषों को भी समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी हाल में पीसीएस जे का जो परिणाम आया है उसमें 70% लड़कियां हैं जिसमें महज 30% ही लड़के सफल आए हैं। महिलाएं स्ट्रांग हैं, इसलिए उन्हें अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने संस्कार नहीं भूलने हैं। आज हमें सिर पर पल्लू रखने पर शर्म महसूस होती है, इस पर भी विचार करना होगा। पावर, पोजिशन और पैसे के चलते गांव की महिलाओं को वो स्थान नहीं मिल पाता है जो मिलना चाहिए। अंत में महिलाओं ने उनसे सवाल भी किया जिसका उन्होंने सलीके से जवाब दिया।

बेटियों की शिक्षा से संभव है घर व देश का विकास : अंजलि

दृष्टि अध्ययन प्रबोधन केंद्र पुणे की संस्थापक सचिव अंजलि विश्वास देशपांडे ने कहा कि महिला और पुरुष एक समान हैं। मातृत्व शक्ति का वरदान ईश्वर ने हम सभी को दिया है। हमारा भारत विविधता से भरा है। उन्होंने कहा कि हजारों वर्ष पहले देश गुलामी में रहा। यहां मुगलों व अंग्रजों ने शासन किया। आज के इस मातृत्व महासंगम में मातृशक्तियों को ताकत मिली है। महिलाओं की शिक्षा से ही घर व देश का विकास संभव होगा। ब्रह्मकुमारी मनोरमा ने कहा, हर इंसान की पहली गुरु उसकी मां होती हैं।
हर युग में नारी को मिली है प्राथमकिता : डॉ. श्रुति
“भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका” विषय पर विश्व मांगल्य छात्र सभा की अखिल भारतीय संघटक की डॉ श्रुति देशपांडे संबोधित ने किया। उन्होंने कहा..हर युग में महिलाओं को सबसे आगे स्थान मिला। इसका उदाहरण देखना है तो रामायण काे समझना होगा। श्रीराम जब केवट की नाव में सवार होने लगे तो श्रीराम ने पहले सीता को नाव में बिठाया तब खुद वह नाव में सवार हुए।
प्रोफेसर कृष्णा मिश्रा ने कहा कि महिलाएं अपने आप में पूर्ण हैं। पूरा विश्व महिलाओं का है वह संसार को बदल सकती हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कि ग्रामीण महिलाओं को अवसर मिलना चाहिए तभी राष्ट्र सशक्त बनेगा। महिलाएं चाहे तो पिता, पति और पुत्र की सोच बदल सकती हैं।
कार्यक्रम की संयोजक डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने सभी के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को एकजुट होने और उन्हें आगे बढ़ाने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। इसमें पद्मश्री डॉ. राज बवेजा, डॉ. सरोज डिंगरा, शिवानी, सुभाष राठी, प्रतिभा श्रीवास्तव, अनुराधा, मधु यादव व अंजलि विशाल को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विश्व मांगल्य सभा प्रयागराज की संयोंजिका अलका द्विवेदी शिखा रंजना सिंह नीलिमा उपाध्या सुशीला तिवारी प्रत्येक मण्डल की टीम मौजूद रही।कार्यक्रम का संचालन रंजना त्रिपाठी ने किया।

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