December 4, 2024

NCZCC में सजा शिल्प मेला, खानपान के साथ खरीददारी का है सुनहरा मौका

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NCZCC में सजा शिल्प मेला, खानपान के साथ खरीददारी का है सुनहरा मौका

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र का मुक्ताकाशी मंच शुक्रवार शाम लोक नृत्यों एवं लोक गायकों की प्रस्तुतियों से नहा उठा। संगमनगरी स्थित शिल्प हाट मेला एक बार फिर प्रयागवासियों के लिए गुलजार हो गया है।


एनसीजेडसीसी द्वारा आयोजित 13 दिवसीय दीपावली शिल्प मेला का उद्घाटन शुक्रवार को श्रीमती केसरी देवी पटेल, माननीय सांसद फूलपुर ने गणपति की मूर्ति पर माल्यार्पण तथा नारियल फोड़ने के बाद मंच पर दीप जलाकर उद्घाटन किया। उन्होंने मेले के तमाम स्टाल देखने के बाद शिल्पियों की सराहना की। केंद्र के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र भेंटकर उनका स्वागत और अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया।


कार्यक्रम की शुरूआत प्रयागराज के बटुकों द्वारा गणेश वंदना हे परमेश्वर गौरी नंदन एवं स्वास्ति वाचन आ नो भद्रा: से होती है। इसके बाद ख्यातिलब्ध भजन गायक रत्नेश दुबे ने मेरे सरकार आए हैं , स्वर्ग से सुंदर लगे अयोध्या तथा गाइए गणपति जगवंदन की प्रस्तुति देकर दर्शकों को भक्ति की रस से सराबोर कर दिया। नदीम राईन एव दल ने बधाई तथा लोकनृत्य जन्म लियो रघुराया अवध में बजे बधाइयां मार मार लाठियां चढ़ाई घटी है बीच में बदल गई माटी बेटियां नैना बंद लागे कहियो की प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही लूटी। सुश्री प्रियम्वदा ने मनमोहक कथक नृत्य की प्रस्तुति दी, सोनभद्र से आए रामधनी एवं दल ने लोक एवं जनजातीय नृत्य को प्रस्तुत किया। भोजपुरी गायक ह्रदय मिश्रा ने हमरी नगरिया मैया भरेली खपरिया हो चुनरिया लहरे ना, सांझ बोले चिरई सवेरे बोले मोरवा ने गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया। इस मौके पर केन्द्र के अधिकारी, कर्मचारी सहित काफी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
दो सप्ताह तक चलेगा मेला-
27 अक्टूबर से 8 नवम्बर यानी दो सप्ताह तक चलने वाले दीपावली शिल्प मेला में शिल्प, कला और स्वाद का संगम रहेगा। इस मेले में राजस्थान, पंजाब और बिहार के व्यंजनों की मिठास है तो बनारसी और चंदेरी साड़ियों की चमक भी देखने को मिल रहा है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजेगी संध्या
रोजाना सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य व लोक गायन जैसे यूपी का कजरी, अवधी लोक नृत्य, पाई डंडा नृत्य, नटवारी नृत्य, राजस्थान का घूमर, चरी नृत्य होंगे। कवि सम्मेलन, मुशायरा, जादू, , बिरहा, आल्हा के आयोजन भी होंगे।
देश भर के शिल्पकारों ने लगाए हैं स्टाल-
देशभर के कोने-कोने से आए शिल्पकारों ने अपने स्टॉल लगाए हैं। इसमें हर प्रमुख राज्य के खान-पान के स्टॉल लगे हैं तो वहां के स्थानीय उत्पाद के स्टॉल भी हैं जिसमें भदोही की कालीन, पंजाब का फुलकारी, जम्मू कश्मीर का इम्ब्रोइडरी, आर्ट वेयर, ड्राई फ्रूट, दिल्ली की ज्वैलरी तो हैदराबाद का पर्ल ज्वैलरी, कर्नाटक का लकड़ी का खिलौना लोगों को खूब भा रहे हैं।

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