November 22, 2024

यूपी विस उपचुनाव में भाजपा के लिए खतरे की घंटी, फूलपुर-मीरापुर और खैर-गाजियाबाद में कम मतदान से बढ़ी धड़कन

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यूपी विस उपचुनाव में भाजपा के लिए खतरे की घंटी, फूलपुर-मीरापुर और खैर-गाजियाबाद में कम मतदान से बढ़ी धड़कन

लखनऊ।उत्तर प्रदेश में कल नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का मतदान हुआ।मतदाताओं ने ईवीएम में प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला बंद कर दिया।कुंदरकी में सबसे अधिक 57.32 प्रतिशत मतदान हुआ तो गाजियाबाद में सबसे कम 33.30 प्रतिशत मतदान हुआ।अब सियासी गुणा-भाग लगना शुरू हो गया है कि कम या ज्यादा मतदान किस दल के लिए फायदेमंद और नुकसानदायक रहा।

सीसामऊ

उपचुनाव में सीसामऊ विधानसभा में 49.03 प्रतिशत मतदान हुआ।सीसाम‌ऊ में ये मतदान प्रतिशत भाजपा के लिए परेशानी का सबब बना है। 2012 में सीसाम‌ऊ में 51.95 प्रतिशत मतदान हुआ था।भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसा ही कुछ 2017 और 2022 विधानसभा चुनाव में हुआ जब सीसा‌म‌ऊ में 56.65 और 56.85 प्रतिशत मतदान हुआ।भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।सपा की साइकिल दौड़ी थी। 2007 में सीसाम‌ऊ में 34.73 प्रतिशत मतदान हुआ था तो कांग्रेस जीती थी।

करहल

उपचुनाव में करहल विधानसभा में 53.92 प्रतिशत मतदान हुआ,जो 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले लगभग 12 प्रतिशत कम है। 2022 के विधानसभा चुनाव में करहल से अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ा था। करहल में 66 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। उपचुनाव में करहल से सपा से तेज प्रताप यादव और भाजपा से अनुजेश यादव समेत 7 प्रत्याशी मैदान में हैं।करहल सीट सपा की गढ़ मानी जाती है।करहल में सीधा मुकाबला भाजपा और सपा में है।किसके सिर पर जीत का ताज होगा यह 23 नवंबर को ही पता चल पाएगा।

कुंदरकी

कुंदरकी विधानसभा में 2012, 2017 और 2022 विधानसभा चुनाव में 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदाताओं ने मतदान किया था।तीनों बार कुंदरकी से सपा ने जीत दर्ज की।कुंदरकी में उपचुनाव में 56.69 प्रतिशत मतदान हुआ।कम मतदान ने राजनीतिक दलों के माथे पर सिकन डाल दी है। 2022 में कुंदरकी से सपा के जियाउर्रहमान बर्क जीते थे।इस बार उपचुनाव में भाजपा ने रामवीर सिंह को उतारा,जबकि बाकी प्रमुख दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे।कुंदरकी में कांटे की लड़ाई देखने को मिल सकती है।

मीरापुर

उपचुनाव में मीरापुर विधानसभा में 57.02 प्रतिशत मतदान हुआ।इससे पहले मीरापुर में 2022 में 68.7 प्रतिशत, 2017 में 69.5 प्रतिशत और 2012 में 61.8 प्रतिशत मतदान हुआ था।

मझवां

उपचुनाव में मझवां विधानसभा विधानसभा में 50.41 प्रतिशत मतदान हुआ। 2022 में मझवां में 60.3 प्रतिशत मतदान हुआ था।निषाद पार्टी ने जीत दर्ज की।थी। 2017 में मझवां में 63.8 प्रतिशत मतदान हुआ था। भाजपा ने जीत दर्ज की थी। 2012 में 63.2 प्रतिशत मतदान हुआ था।बसपा ने जीत दर्ज की थी।

खैर

खैर विधानसभा सीट भाजपा की सेफ सीटों में गिनी जाती है। उपचुनाव में 46.43 प्रतिशत मतदान हुआ,जो 2022 के मुकाबले 14 प्रतिशत कम है। 2022 में खैर मैं 61.9 प्रतिशत मतदान हुआ था। भाजपा ने जीत दर्ज की थी। 2017 में खैर से भाजपा जीती। 61.8 प्रतिशत मतदान हुआ था और 2012 में 59.2 प्रतिशत मतदान हुआ था।रालोद ने जीत दर्ज की थी।

फूलपुर

उपचुनाव में फूलपुर विधानसभा में 43.43 प्रतिशत मतदान हुआ। 2022 में 60 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2017 में 58.8 प्रतिशत मतदान हुआ।दोनों बार भाजपा ने जीत दर्ज की।2012 में 59.9 प्रतिशत मतदान हुआ था।सपा ने जीत दर्ज की थी।

कटेहरी

उपचुनाव में कटेहरी विधानसभा में 56.69 प्रतिशत मतदान हुआ।इससे पहले तीन चुनाव में कटेहरी में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। 2022 में सपा, 2017 में बसपा तो 2012 में सपा ने जीत दर्ज की थी।

गाजियाबाद

उपचुनाव में गाजियाबाद सदर विधानसभा में सबसे कम 33.30 प्रतिशत मतदान हुआ। 2022 में 61 प्रतिशत मतदान हुआ था।भाजपा के अतुल गर्ग ने सपा के विशाल वर्मा को पराजित किया थी।इस बार कम मतदान होने से वोटों का हिसाब लगना मुश्किल हो रहा है।सपा को गाजियाबाद सदर से एकमात्र जीत 20 साल पहले 2004 में उपचुनाव में मिली थी। हार-जीत का अंतर भले कम हो,लेकिन भाजपा बाजी मार सकती है।

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