भगवान सांवरिया सेठ जी के मंदिर में 07 करोड़ 70 लाख 41 हजार रुपए की गणना पूरी हुई है शेष बची राशि की गणना ठाकुरजी के दो दिवसीय मासिक मेले के बाद
भगवान सांवरिया सेठ जी के मंदिर में 07 करोड़ 70 लाख 41 हजार रुपए की गणना पूरी हुई है शेष बची राशि की गणना ठाकुरजी के दो दिवसीय मासिक मेले के बाद में की जाएगी।.
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ के प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलियाजी में भगवान श्री सांवलिया सेठ के भंडार से पहले चरण की गणना पूरी हुई है। गुरुवार शाम तक 07 करोड़ 70 लाख 41 हजार रुपए की गणना पूरी हुई है। वर्षों पूरानी परम्परा के अनुसार प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान श्री सांवलिया सेठ के दो दिवसीय मासिक मेले के पहले दिन ठाकुरजी का भंडार खोला जाता है। इसी क्रम में गुरुवार को कृष्ण पक्ष चतुर्दशी का पर्व होने से ठाकुरजी की राजभोग की आरती के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच ठाकुरजी का भंडार खोला गया। ठाकुरजी का भंडार खोलने के दौरान श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार, भदेसर एसडीएम विजयेश कुमार पाण्ड्या, नायब तहसीलदार व मंदिर मंडल प्रशासनिक अधिकारी प्रथम घनश्याम जरवाल, श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल बोर्ड के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर, सदस्य संजय कुमार मण्डोवरा, ममतेश शर्मा, अशोक कुमार शर्मा, शम्भू सुथार, श्रीलाल कुलमी, भैरूलाल सोनी, प्रशासनिक अधिकारी द्वितीय नंदकिशोर टेलर, मंदिर प्रभारी राजेंद्र शर्मा, सुरक्षा प्रभारी गुलाब सिंह, स्टोर अनुभाग प्रभारी मनोहरलाल शर्मा सहित मंदिर मंडल तथा क्षेत्रीय बैंकों के कर्मचारी मौजूद थे। गुरुवार को की गई प्रथम चरण की गणना में ठाकुरजी के भंडार से 07 करोड़ 70 लाख 41 हजार रुपए की राशि की गणना हो पाई। शेष बची राशि की गणना ठाकुरजी के दो दिवसीय मासिक मेले के बाद में की जाएगी। साथ ही ठाकुरजी के भंडार से प्राप्त सोना तथा चांदी का वजन भी मासिक मेले के बाद में किया जाएगा। इधर, श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल भेंट कक्ष कार्यालय में नगद व मनीआर्डर के रूप में प्राप्त राशि की गणना व भेंट स्वरूप प्राप्त सोना तथा चांदी का वजन भी मासिक मेले के बाद में किया जाएगा।भगवान श्री सांवलिया सेठ को दो दिवसीय मासिक मेले के तहत आकर्षक व भव्य श्रृंगार धारण करवाया गया। गुरुवार प्रातः ओसरा पूजारी भगवान दास, कन्हैयादास तथा गोपालदास ने ठाकुरजी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान करवा कर आकर्षक पोशाक धारण करवा यह आकर्षक व भव्य श्रृंगार धारण करवाया।