February 13, 2025

9 सितंबर” देश के पथ विक्रेताओं के लिए एतिहासिक दिन :- रवि शंकर द्विवेदी

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*9 सितंबर” देश के पथ विक्रेताओं के लिए एतिहासिक दिन :- रवि शंकर द्विवेदी*

प्रयागराज 11 वर्ष पूर्व “09-09-2013” को मा उच्चतम न्यायालय ने पथ विक्रेताओं के अधिकारों की  रक्षा के लिए तत्कालीन केंद्रीय सरकार को क़ानून बनाने के निर्देश जारी किए थे जिसके अनुपालन में तत्कालीन सरकार ने “4 मार्च 2014” को पथ विक्रेता अधिनियम-2014 क़ानून बनाकर सम्पूर्ण भारत में लागू किया था।

*पथ विक्रेता सेल्फ एम्पलाड स्वरोजगार करने वाले लोग हैं जो अपने परिवार की जीविका के लिये सड़क किनारे दुकानें लगाकर अथवा घूम घूम कर फेरी लगाकर जनता की रोज़मर्रा की लगभग 70% आवश्यकताओं की पूर्ति खुले आसमान के नीचे हर मौसम का मुक़ाबला करते हुए सन्मानपूर्वक जीवन जीने की आस में सुबह से लेकर रात तक जनता की सेवा करते हैं।*

नेशनल हाकर फेडरेश आजाद स्ट्रीट वेन्डर वेलफेयर युनियन रेहड़ी पटरी फुटपाथ दुकानदारों के लिए 28 प्रान्तो में काम कर रही । मा उच्चतम न्यायालय ने तत्कालीन केंद्रीय सरकार को आदेश पारित करते हुए स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि प्रशासनिक स्तर पर  काम कर रहे अधिकारियों के ज़रिये पथ विक्रेताओं का उत्पीड़न बंद हो,और पटरी दुकानदारों के लिए एक व्यवस्था एवं कानून बनाने के निर्देश जारी किए थे जिसके अनुपालन में तत्कालीन सरकार द्वारा पटरी दुकानदारों के हक़ में उचित व्यवस्था और सम्मानपूर्वक जीवन जीने और व्यापार करने के अधिकार के लिए 4 मार्च 2014 को “पथ विक्रेता अधिनियम-2014” नाम से रेहड़ी पटरी दुकानदारों के लिए क़ानून बनाकर सम्पूर्ण भारत में लागू किया गया। पथ विक्रेताओ का डिजिटल सर्वे रजिस्ट्रेशन के साथ वेंडिंग जोन नाईट माक्रेट वीकली माक्रेट सिजनल माक्रेट त्योहारी बाजारो के स्थान टाऊन वेंडिंग कमेटी द्वारा निर्धारित किए जायें।*
बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार अथवा स्थानीय शासन प्रशासन तक पटरी दुकानदारों के हक़ में बने इस क़ानून को लेकर कभी भी गंभीर नहीं रहा है जिससे कि इस क़ानून का अनुपालन सही तरीके से हो सके।

यदि इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के 60 लाख पटरी दुकानदारों सहित देश के करोड़ों पटरी दुकानदारों का उत्पीड़न जारी रहा तो देश के सभी पथ विक्रेता आने वाले सभी चुनावों में अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने पर मजबूर होंगें।

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