चंद्रशेखर आजाद को मिली Y+ सुरक्षा
चंद्रशेखर आजाद को मिली Y+ सुरक्षा
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भीम आर्मी चीफ और लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद की सुरक्षा बढ़ा दी है. आगामी हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने ये फैसला किया है. दरअसल, बिजनौर सांसद चंद्रशेखर आजाद को अभी तक सिर्फ यूपी में ‘Y+’ श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन अब उनको ये सुरक्षा कवर उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में भी मिलेगा. दरअसल, चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी और दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) ने हरियाणा चुनाव के लिए गठबंधन किया है. चंद्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली एसपी और दुष्यंत चौटाला की जेजेपी क्रमश: दलित और जाट वोटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं. इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया आयाम जोड़ने और दलित-जाट वोटरों को अपने पक्ष में करने का है. वहीं बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर जम्मू-कश्मीर में भी पार्टी का विस्तार कर सकते हैं. इसी के मद्देनजर दोनों राज्यों में उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है। सुरक्षा कैटेगरी और सुरक्षाकर्मी खुफिया ब्यूरो की ओर से सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के वीवीआईपी और अन्य क्षेत्रों के लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है. भारत में 4 तरह की सुरक्षा कैटेगरी है जिसमें X, Y, Z और Z प्लस सुरक्षा कैटेगरी होती है और इसमें Z प्लस कैटेगरी सबसे बड़ी सुरक्षा कैटेगरी होती है. इन लोगों की सुरक्षा पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं. भारत में वीवीआईपी, वीआईपी, राजनेताओं, हाई-प्रोफाइल हस्तियों और दिग्गज खिलाड़ियों को यह सुरक्षा पुलिस और स्थानीय सरकार के अलावा नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स (एनएसजी), इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की ओर से दी जाती है. एनएसजी का इस्तेमाल वीवीआईपी और वीआईपी लोगों की सुरक्षा में सबसे ज्यादा किया जाता है। 1. X स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था X स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में महज 2 सुरक्षाकर्मी (कमांडो शामिल नहीं) शामिल होते हैं. यह सुरक्षा दिए जाने की बेसिक प्रोटेक्शन है. इसमें एक पीएसओ (पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर) भी होता है। 2. Y स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था Y स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में देश के वो वीआईपी लोग आते हैं जिनको इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं. इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं। 3. Z कैटेगरी सुरक्षा Z कैटेगरी स्तर की सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 4 या 5 कमांडर भी होते हैं. अतिरिक्त सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ की ओर से मुहैया कराई जाती है. सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल होती है. कमांडोज सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों से लैस रहते हैं. इसके अलावा इन्हें मार्शल ऑर्ट से प्रशिक्षित किया जाता है. इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है। 4. Z + स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था Z + कैटेगरी स्तरीय सुरक्षा में एक-दो नहीं बल्कि 36 सुरक्षाकर्मी लगे होते हैं जिसमें एनएसजी के भी 10 कमांडोज होते हैं. इस सुरक्षा व्यवस्था को दूसरी एसपीजी कैटेगरी भी कहा जाता है. ये कमांडोज अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. उनके पास लेटेस्ट गैजेट्स और यंत्र होते हैं. सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है, इसके बाद दूसरे स्तर पर एसपीजी के अधिकारी होते हैं. साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान उनकी सुरक्षा में लगाए जाते हैं