September 21, 2024

बॉर्डर पर चावल तस्करी

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भारत नेपाल का ककरहवा बॉर्डर इन दिनों तस्करी का हब बन चुका

बॉर्डर पर चावल तस्करी

सिद्धार्थनगर जिले के भारत नेपाल का ककरहवा बॉर्डर इन दिनों तस्करी का हब बन चुका है। सीमा पर एसएसबी और स्थानीय पुलिस की तैनाती के बावजूद सैकड़ो बोरी चावल खाद चीनी व अन्य सामग्री भारत से नेपाल बेखौफ तस्कर ले जा रहे हैं। तस्करी का यह खेल रात 12 बजे से शुरू होकर सुबह 4 बजे तक बड़े पैमाने पर होता है जबकि सुबह के उजाले में भी भारत से नेपाल सामान पहुंचाने वाले कैरियर साइकिल और मोटरसाइकिल से इन सामानों की तस्करी करते हुए लगातार दिख जाएंगे। सिद्धार्थनगर जिले की नेपाल से लगने वाली 68 किलोमीटर की खुली सीमा से तस्करी का यह खेल कोई नया नहीं है। पूरे साल किसी न किसी रूप में खुले इन बाडरों से तस्कर तस्करी करते रहते हैं। ककरहवा सहित अन्य बॉर्डर पर एसएसबी और सिविल पुलिस के चेक पोस्ट बनाए गए हैं । ककरहवा चेक पोस्ट के पूरब और पश्चिम दोनों तरफ सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर पिलर संख्या 544/36 के पास से पगडंडियों का सहारा लेकर तस्कर चावल खाद चीनी की बड़ी खेप मोटरसाइकिल और साइकिल के सहारे इस पार से उसे पार करते देखे जा सकते हैं सीमा पर हो रही इस तस्करी से स्थानीय लोग भी काफी परेशान है। उनका कहना है कि बाजार में रात में तस्करों की गतिविधियां इतनी बढ़ जाती है कि शोर शराबे , भीड़ और गाड़ियों के आने-जाने की वजह से वह रात भर वे सो नहीं पाते हैं । साथ ही स्थानीय लोगों का आरोप है कि तस्कर की पहुंच इतनी ऊपर तक है कि वह रात में तीन से चार घंटे की बिजली कटौती भी करवा देते हैं ताकि सड़कों पर और बॉर्डर के आसपास अंधेरा रहे और वह उसका फायदा उठाकर जल्दी-जल्दी सामान को इस पार से उस पार भेज देते हैं ककरहा बॉर्डर से एक अनुमान के अनुसार दो से तीन ट्रक चावल व अन्य चीज हर रोज नेपाल तस्करी कर पहुंचाई जा रही हैं इसमें स्थानीय बड़े तस्कर लोकल गरीब लोगों को करियर की तरह इस्तेमाल कर यह पूरा खेल पुलिस और एसएसबी के नाक के नीचे कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि इतने बड़े पैमाने पर 24 घंटे तक चलने वाली यह तस्करी बिना सुरक्षा एजेंसियों के मिली भगत से मुमकिन नहीं है।

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रिपोर्ट बजरंगी प्रसाद चौधरी

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