हिंडालको के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला समेत अन्य के खिलाफ दस्तावेजों में हेरा फेरी कर वित्तीय अनियमित का आरोप
हिंडालको के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला समेत अन्य के खिलाफ दस्तावेजों में हेरा फेरी कर वित्तीय अनियमित का आरोप
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के जगत नारायण सिंह ने हिंडालको इंडस्ट्रीज पर अल्युमिनियम उत्पादन के बायो प्रोडक्ट में गैलियम, वेनेडियम व क्रायोलाइट के उत्पाद को छुपा कर अरबो रुपए की चोरी करने के आरोप के साथ अधिवक्ता विकास शाक्य के जरिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रकीर्ण वाद प्रस्तुत किया है जिस पर 9 फरवरी को न्यायालय ने संबंधित थाने से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।
अधिवक्ता विकाश शाक्य द्वारा प्रकीर्ण वाद में बताया गया है कि आदित्य बिरलाा समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिडला, वर्तमान प्रेसिडेंट सतीश पेई, ग्रुप हेड संदीप गुरुमूर्ति, पूर्व प्रेजिडेंट ए के अग्रवाल समेत अन्य के द्वारा बॉक्साइट से बनेए जा रहे अल्मुनियम के उत्पाद को अलग-अलग प्रोडक्शन यूनिट से प्रोडक्शन मात्रा पेंसिल से भरवारा जाता है बाद में उत्पाद को घटकर दिखाया जाता है। अलमुनियम बनाते समय बायो प्रोडक्ट के रूप में गैलियम, वेनेडियम व क्रायोलाइट निकलता है। प्रोडक्शन सीट पेंसिल से भरवारा जाता है बाद में उत्पाद को घटकर दिखाया जाता है ।
विकाश शाक्य ने बताया कि गैलियम परमाणु अस्त्र-शास्त्र एवं सैनिक उपकरण में भी प्रयुक्त होता है जिसकी कीमत 10 लाख रुपए प्रति किलोग्राम होता है वेनेडियम जंग रोधी होती है जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में होता है जिसकी कीमत 31 हजार रुपए प्रति किलोग्राम है। क्रायोलाइट एक असाधारण धातु है जिसका उपयोग तोप, रॉकेट और गन में किया जाता है। अल्युमिनियम उत्पाद को घटाने से बायो प्रोडक्ट अपने आप घट जाता है इसलिए एक तरफ अल्युमिनियम उत्पाद की चोरी किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर बायो प्रोडक्ट उत्पाद की चोरी की जा रही है जो अरबो रुपए का प्राक्कलन है।
यह चोरी राजस्व की चोरी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरनाक हो सकता है। अधिवक्ता विकाश शाक्य ने बताया कि इस मामले में मानयीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई थी जिसपर अपराधिक मामला पाते हुए मानयीय सुप्रीम कोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था उसके बाद यह मामला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रस्तुत किया गया है, जिसपर न्यायालय ने 9 फरवरी को रिपोर्ट तलब कर सुनवाई करने के लिए तिथि नियत की है।
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रिपोर्ट मनोज सिंह राणा