जैन समाज ने निकाली भव्य शोभायात्रा, हाथी घोड़े ओर रथों में निकली भगवान की शोभायात्रा
जैन समाज ने निकाली भव्य शोभायात्रा, हाथी घोड़े ओर रथों में निकली भगवान की शोभायात्रा
अर्हम योग प्रणेता मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर महाराज जी*
*छुल्लक 105 सविनय सागर महाराज जी,छुल्लक105 श्री समन्वय सागर महाराज जी ,छुल्लक105 श्री अनुनय सागर महाराज जी के सानिध्य में निकली शोभायात्रा*
बता दे कि 1008 श्री मज्जिनेन्द्र बेदी प्रतिष्ठा एवं कलशा रोहण महामहोत्सव के तीसरे ओर अंतिम दिन सुबह भगवान का अभिषेक हुआ फिर भगवान का पूजा विधान हुआ उसके उपरांत झंडा चौराहा स्थित कार्यक्रम स्थल में मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर महाराज जी के प्रवचन हुए प्रवचन में उन्होंने जैन रामायण में भगवान राम के बारे में बताया मुनि श्री ने कहा कि राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे उन्होंने कुल की मर्यादा परंपरा का ध्यान रखते हुए ही सीता का त्याग किया था जब राज्य की प्रजा ने राजा राम से अभय दान मांगते हुए कहा कि लोगों में ऐसी बात चल रही है कि रानी सीता रावण के यहां से आई हैं और उनके चरित्र पर सवाल किया तो राजा राम ने राजधर्म का पालन करते हुए कुल की मर्यादा ओर राज धर्म को ध्यान में रखते हुए पहले सीता को तीर्थ यात्रा के लिए भेजा और सेनापति से कहा कि इसको किसी निर्जन वन में छोड़ दें उन्होंने राजधर्म का परिचय देते हुए यह बात कही अगर किसी परिचित स्थान पर छोड़ते तो वह राज धर्म का उल्लंघन होता क्योंकि लोग उनका रानी की तरह ही बर्ताव करते। *राजधर्म का पालन करना ही राजा का कर्तव्य होता है*
प्रवचनों के उपरांत जैन समाज ने भगवान की भव्य भव्य शोभायात्रा निकाली शोभा यात्रा में हाथी घोड़े और रथ में सवार इंद्र सौधर्म इंद्र आदि बैठे हुए थे शोभायात्रा दिगंबर जैन मंदिर छोटी बाजार से कोतवाली रोड होते हुए महेश्वरी देवी बलखंडी नाका होते हुए कटरा जैन मंदिर पहुंची शोभा यात्रा में भगवान की प्रतिमाओं को जैन धर्म और लंबियों ने पीले वस्त्र पहनकर अपने सिर में रखकर नंगे पैर चलते हुए कटरा जैन मंदिर पहुंचे साथ ही भगवान को रथ में सवार कर चौहर डुलाते हुए मंदिर के लिए निकले जगह-जगह भगवान की लोगों ने आरती आरती की आरती की शोभा यात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ सैकड़ो की संख्या में महिलाएं बच्चे पुरुष रहे जो भक्ति भजन और प्रभु महावीर का गुणगान करते हुए नाचते हुए जय कारे लगा रहे थे कटरा जैन मंदिर पहुंचकर भगवान को पूजा विधान करके मंत्र उच्चारण के साथ वेदी पर विराजमान कराया ओर धार्मिक कार्यक्रम हुए
इस अवसर पर मनोज जैन सुबोध जैन सनत जैन पूर्व अध्यक्ष विनोद जैन प्रकाश जैन सुशील जैन प्रमोद जैन आशीष जैन दिलीप जैन अमन जैन तपिश जैन संजू जैन नयन जैन राजेश जैन कल्लू जैन विपिन जैन टिंकल जैन स्वप्निल जैन संदीप जैन आदि सैकड़ो की तादाद में जैन वंधु उपस्थित रहे।
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रिपोर्ट दिलीप जैन बीरेंद्र गुप्ता