January 23, 2025

पाण्डवानी गायन ने श्रोताओं को किया भावविभोर,भंपग वादन व कालबेलिया नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र

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पाण्डवानी गायन ने श्रोताओं को किया भावविभोर,भंपग वादन व कालबेलिया नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से आयोजित 12 दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेले के 11वें दिन मुक्ताकाशी मंच पाण्डवानी गायन एवं पारंपरिक लोकनृत्यों से गुलजार रहा।

सोमवार को सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ से आयी पद्मश्री ऊषा बारले ने पाण्डवानी गायन प्रस्तुत किया।

उन्होंने पारंपरिक परिधान में महाभारत कथा प्रसंग को प्रस्तुत कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम की शुरूआत राजस्थान से आए यूसुफ खान एवं दल ने भपंग वादन से किया।
इसके बाद भारती सिंह राजपूत ने सुमिर श्री गणेश गौरी सुत प्रिय महेश की प्रस्तुति दी। इसके बाद भोला भंडारी साधु भोला भंडारी, राम पद पदुम पराग परी और कबीर साहेब के बिना रघुराई के बिना राम रघुनाथ अपना कोई नहीं कबीर भजनों की भावपूर्ण प्रस्तुतियों से पूरे पंडाल को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। वही छत्तीसगढ़ के कलाकारों ने राउत नाचा, सुआ कर्मा नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हरियाणा का फाग और घूमर नृत्य कामिल एवं दल ने पेश कर खूब तालियां बटोरी। असम का बिहू लोकनृत्य की प्रस्तुति बापू जी कोंवर और साथी कलाकारों ने दिया। बधाई व झिंझिया नृत्य की प्रस्तुति ऊषा श्रीवास्तव तथा साथी कलाकारों ने पेश कर दर्शकों से वाहवाही पायी। झारखंड के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत छाउ व पुरूलिया नृत्य दर्शकों को खूब पसंद आया। संगत कलाकारों में हारमोनियम पर मोहित साहनी, तबले पर पंकज राय, ढोलक प दीपक रजक, बैंजो पर कोमल रजक तथा तबले पर सेतु कुर्रे ने साथ दिया। राष्ट्रीय शिल्प मेले के समापन पर स्टार नाइट में कल बॉलीवुड सिंगर कुमार सत्यम अपनी प्रस्तुति देंगे।

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