जहां-जहां चरण पड़े प्रभु श्रीराम के यात्रा मार्ग का किया निरीक्षण व दर्शन
जहां-जहां चरण पड़े प्रभु श्रीराम के यात्रा मार्ग का किया निरीक्षण व दर्शन
बारा/लालापुर/घूरपुर/शंकरगढ़ (प्रयागराज)। वह लोग धन्य है जो भगवान श्रीराम के वन गमन मार्ग में रहते हैं। उनके पूर्वजों ने भगवान राम के दर्शन किए। आप सब उन्हीं के वंशज हैं यह हमारे जीवन में गौरव की बात है। प्रयागराज विद्वत परिषद के सदस्य व पूर्व उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष,पूर्व कुलपति प्रो0के बी पांडेय ने लालापुर प्रधान शंकर लाल पाण्डेय के कार्यालय पर बैठक के दौरान व्यक्त किया।
पूर्व आईजी लालजी शुक्ला ने कहा श्रीराम वन गमन मार्ग पर यात्रा अविस्मरणीय होगी।यह यात्रा मानव जीवन के अंदर आध्यात्मिक ज्ञान व भक्ति से सराबोर होगा।सभी की सहभागिता से क्षेत्र जागृत एवं जागरूकता बढ़ेगी।यात्रा के यमुनापार व्यवस्था प्रमुख दिनेश तिवारी ने बताया कि जहां-जहां चरण पड़े प्रभु श्रीराम के यात्रा मार्ग का निरीक्षण व दर्शन किया गया। यह अभियान की शुरुआत काफी पहले हो गई थी।जब तत्कालीन मंडल आयुक्त संजय गोयल की पहल पर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने पर्यटन एवं संस्कृति समिति की एक उप समिति गठित की थी। इस समिति के सदस्य वीरेंद्र पाठक को उपसमिति का अध्यक्ष बनाकर प्रयागराज के महत्वपूर्ण स्थान की खोज और डॉक्यूमेंटेशन का कार्य सौंपा गया। पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की मनसा थी कि प्रयागराज के पुरातत्व और धार्मिक महत्व के स्थान की वर्तमान स्थिति जानी जाए और उसी के अनुरूप आगे विकास कार्य किया जाए।
दिनेश तिवारी ने कहा कि प्रयागराज की विरासत और परंपराओं के संरक्षण संवर्धन में लगे वीरेंद्र पाठक की अगुवाई में यह डॉक्यूमेंटेशन जारी रहा। पौराणिक काल के महत्वपूर्ण स्थान का विगत दिन स्थल निरीक्षण करने के पश्चात भगवान राम प्रयागराज से चित्रकूट तक जिन मार्गो के जरिए गए थे उन्हें चिन्हित किया गया। वाल्मीकि द्वारा रचित ग्रन्थों के जरिए इसकी पहचान की गई।भौगोलिक परिवर्तन के साथ नदियों ने अपना स्थान बदला,किंतु अभी भी बहुत सारे स्थान ऐसे मिले जो पौराणिक काल से मेल खाते हैं, उनमें सम्यता है। इन स्थानों को जागृत करने के लिए प्रयागराज विद्वत परिषद की बैठक में चर्चा की गई। स्वामी वासुदेवानंद जी महाराज सदस्य राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ने, राम वन गमन मार्ग पर चलने की परम्परा को विस्तार देने की इच्छा जताई। प्रयागराज के अन्य प्रमुख संत हरि चैतन्य ब्रह्मचारी टीकरमाफी, जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य महाराज वैकुंठ धाम ने भी पौराणिक काल से चली आ रही यात्रा का मार्गदर्शन की सहमति जताई।
अक्टूबर माह में होने वाली यात्रा के लिए सर्वसम्मति से पूर्व आईजी लालजी शुक्ला को व्यवस्था प्रमुख बनाया गया। यमुनापार व्यवस्था प्रमुख दिनेश तिवारी बनाए गए।इनके नेतृत्व में गत दिवस एक दल यात्रा मार्ग और पड़ाव पर जाकर लोगों से मिला। स्थानीय समिति का गठन किया गया। यह समिति साधु संतों,विद्वत जनों की इस यात्रा के स्थान विशेष पर अभिनंदन करेगी। साथ ही उसमें शामिल भी होगी। महर्षि भरद्वाज आश्रम से यात्रा की शुरुआत होगी यमुनापार होते हुए चित्रकूट तक जाएगी।
स्थल निरीक्षण दल में प्रमुख रूप से पूर्व आईजी लालजी शुक्ला,पूर्व कुलपति प्रो0 के बी पाण्डेय,वीरेन्द्र पाठक,डॉ प्रमोद शुक्ला,सीए अभिषेक मिश्रा,दिनेश तिवारी,मुकेश द्विवेदी,अजय द्विवेदी,दिलीप उपाध्याय, शंकर लाल पाण्डेय, दीपेश मिश्र, आशुतोष त्रिपाठी, लाला शुक्ला, ज्ञानेंद्र गोस्वामी,राजू पाण्डेय, शैलेश पाण्डेय,बृज मोहन आर्या, सुजीत कुमार,रानू जायसवाल आदि प्रतिनिधि मंडल शामिल रहे।