मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ भीमराव आंबेडकर को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ भीमराव आंबेडकर को दी श्रद्धांजलि
लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहब को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में डॉ आंबेडकर के योगदान को याद किया। सीएम योगी ने बुधवार को सबसे पहले हजरतगंज स्थित अटल चौक पर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री विधानसभा मार्ग स्थित डॉ. आंबेडकर महासभा परिसर पहुंचे। इस दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब डॉ भीमराव आंबेडकर महामानव थे, जिनके सपनों को साकार करने का कार्य डबल इंजन की सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग समाज को बांटकर देश को कमजोर करने का कार्य कर रहे हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा। मुख्यमंत्री ने डॉ भीमराव आंबेडकर के विचारों पर बोलते हुए कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि हम सबसे सबसे पहले और सबसे अंत में भारतीय है। आज कुछ लोग भारत को कोसते हैं और भारतीयता का अपमान करते हैं। जातीयता के नाम पर समाज में खाई उत्पन्न करने का काम करते हैं। ऐसे लोग सच मायने में बाबा साहब का अपमान करते हैं। बाबा साहब को भी लालच देने का काम हुआ था, मगर बिना झुके और बिना डिगे वे भारत और भारतीयता के लिए काम करते रहे। दुनिया में कहीं भी दबे कुचले समाज को बुलंद करने की बात आती है तो लोगों के दिमाग में बाबा साहब आंबेडकर का नाम आता है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार अनेक कार्य कर रही है। बाबा साहेब के पंच तीर्थों की स्थापना का कार्य प्रधानमंत्री मोदी ने किया। हमने जाति नहीं बल्कि उसकी आवश्यक्ताओं के आधार पर कार्य किया। 2014 के पहले आवास एक सपना होता था। आज देश के 4 करोड़ लोगों के पास अपना पक्का आवास है। लक्ष्य है कि जो बचे हैं उन्हें भी उपलब्ध कराएंगे। गांव हो या शहर हर दलित, वंचित और गरीब को आवास उपलब्ध कराएंगे। हर घर शौचालय अभियान मैला ढोने की कुप्रथा का उपचार बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से कोरोना अगर 2014 से पहले आता तो क्या हम बच पाते, क्योंकि तब की सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं थी।उन्होंने बताया कि 1970 में इन्सेफलाइटिस बीमारी आई, जिसके चलते 40 साल में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। ये बच्चे दलित और अल्पसंख्यक समाज के थे। आज इस बीमारी को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है। ऐसे ही कोरोना में प्रधानमंत्री ने अपने लीडरशिप में हर योजना की निगरानी की। गरीब को राशन उपलब्ध कराना, फ्री में जांच, उपचार और वैक्सीन उपलब्ध कराया गया। ऐसा पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुआ। पहले की सरकार चेहरा देखकर कार्य करती थी। कोई दलित समर्थक होता था कोई दलित विरोधी। जो दलित समर्थक थे वो भी उनके नाम पर रोटी सेंकते थे। कभी कोई मुसहर, वनटांगिया, बहरिया, सहिरया, कोल, चेरो के बारे में नहीं पूछता था। बाबा साहब ने इनके उत्थान के लिए कार्ययोजना बनाने की बात कही थी, मगर 70 साल तक इन्हे वोट देने से भी वंचित रखा गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों का आह्वान किया कि वह एक बार श्रमिकों के बच्चों के लिए बनाये गये अटल आवासीय विद्यालय जाकर देखें कि वहां कैसी व्यवस्था की गई है। उन्होंने अभ्युदय कोचिंग की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें अधिक से अधिक दलित बंधुओं के बच्चे कम्पटीशन की तैयारी कर रहे हैं।
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रिपोर्ट एल एन सिंह