हमरे गऊआ में के तिरछी डगरिया… सॉन्ग पर झुमाया भोजपुरी स्टार गोपाल राय, राई नृत्य ने बिखेरा जलवा भोजपुरी सिनेमा के स्टार गोपाल राय राष्ट्रीय शिल्प मेले में शामिल होने पहुंचे
हमरे गऊआ में के तिरछी डगरिया… सॉन्ग पर झुमाया भोजपुरी स्टार गोपाल राय, राई नृत्य ने बिखेरा जलवा
भोजपुरी सिनेमा के स्टार गोपाल राय राष्ट्रीय शिल्प मेले में शामिल होने पहुंचे
प्रयागराज। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से आयोजित राष्ट्रीय शिल्प मेले में लोगों को भोजपुरी गीतों पर जमकर झुमाया।
दर्शक देर रात तक उनके गानों पर थिरकते रहे। गोपाल राय ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना मईया सभवा में नेहिया बरसा जईतु से की। गुलाबी ठंडक में हमरे गऊआ में के तिरछी डगरिया गीत गाया तो श्रोताओं के तालियों की गरमाहट से पूरे वातावरण को गर्म कर दिया। इसके बाद जनिती जी लागी हतियारी ए बेटी, अरे माई जनि दिहे कोखीए में मार और कहां बा ऊ पनघट पनघटवा के गोरी को पेश कर माहौल को बदल दिया। श्रोताओं की फरमाइस पर एक से बढ़कर एक अपने भोजपुरी एलबम के गानों और भोजपुरी फिल्मी गीतों की प्रस्तुति दी। लोग अपने चहेते सितारे को अपने बीच पाकर काफी खुश नजर आए। लोग मोबाइल में इस शानदार पल को कैद करते दिखे। लोकनृत्यों में महाराष्ट्र से आयी पूर्णिमा चौहान एवं दल ने लावणी नृत्य की मनमोहक अंदाज में यह नृत्य प्रस्तुत किया जिसेसे दर्शक अभिभूत हो उठे। ढोल की थाप और रंगबिरंगे परिधानों में चमचमाती रौशनी के बीच मध्य प्रदेश का राई नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति पर खूब तालियां बजी। इसी कड़ी में कलाकारों द्वारा केरल का ओपन्ना व तमिलनाडु का कड़गम तथा छत्तीसगढ़ का पंथी लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही पायी। साथी कलाकारों में तबला पर रविरंजन चौबे, ढोलक पर आशुतोष, पैड पर अजय शर्मा, बैंजो पर दीना, तथा क्लार्नेट पर विजय ने साथ दिया।
लोगों को आकर्षित कर रहा है राष्टीय शिल्प मेला- राजस्थान, बिहार, कश्मीर, कर्नाटक, असम, पं बंगाल से आए शिल्पकारों के उत्पाद प्रयागवासियों को काफी पसंद आ रहा है। तो राजस्थान की जलेबी वही सर्द मौसम में बिहार के चूरमा के साथ काफी के चुस्कियों के साथ लोग खरीददारी कर रहे हैं। 12 दिसंबर तक चलने वाले इस मेले में मैदानी कलाकारों के साथ लोग खूब सेल्फी का आनंद ले रहे हैं।