November 22, 2024

लोक परंपरा की सुरीली यादों में मिठास घोल गयीं पद्मश्री मालिनी अवस्थी, 12 दिवसीय राष्टीय शिल्प मेले का शोभा यात्रा के साथ हुआ आगाज

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ढोल, ताशा और डीजे पर बजती मधुर धुन के साथ निकाली गई भव्य शोभा यात्रा

लोक परंपरा की सुरीली यादों में मिठास घोल गयीं पद्मश्री मालिनी अवस्थी, 12 दिवसीय राष्टीय शिल्प मेले का शोभा यात्रा के साथ हुआ आगाज,

22 राज्यों के कलाकार देंगे रंगारंग प्रस्तुतियां

भारतवर्ष की माटी की सुगंध से लबरेज आंचलिक लोकनृत्यों की बहुरंगी प्रस्तुतियों, देशज लोकगीतों एवं सम्मोहक गायन के साथ पूरे भारत की सांस्कृतिक छटा को बिखेरे राष्ट्रीय शिल्प मेले का शुभारंभ शुक्रवार की शाम उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृति केंद्र के शिल्पहाट में हुआ। पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने विघ्न विनायक गणपति की मूर्ति पर माल्यार्पण कर तथा नारियल फोड़कर एवं मंच पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र भेंटकर उनका स्वागत किया। केंद्र निदेशक ने अपने वक्तव्य में शिल्प मेला के बारे में और इसको आयोजित किए जाने के संबंध में केंद्र के उद्देश्य एवं शिल्प के जनमानस से जोडकर बढावा देने की बात कही। मशहूर लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी मंच पर पहुंची जोरदार तालियों की गड़गड़ाहट के साथ दर्शकों ने उनका स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत मालिनी अवस्थी ने सबसे पहले ईश्वर को नमन करते हुए उन्होंने अपने आशीर्वचन में कहा कि कला की परंपरा निरंतर बहती रही। प्रयागराज से जुडी अपने पुरानी यादों को ताजा किय। एक गीत की प्रस्तुति दी। उन्होंने चिर परिचित अंदाज में पहले श्रोताओं से खुद को जोडा उसके बाद मुक्ताकाशी मंच को सुरों से सजाना शुरू किया। लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने एक के बाद एक कई लोकगीतों से समा बांध दिया, उन्होंने राजा जनक के द्वारे भीड़ तथा नीक लागै बलमुआ अंगनवा बीच की प्रस्तुति से खूब वाहवाही पाई। वहीं दर्शक दीर्घा में बैठे लोग ‘रेलिया बैरन पिया को लिए जाए’ समेत एक के बाद एक लोकगीतों पर ठंड के बीच झूमते-नाचते रहे।
महेन्द्र पवन धानक एवं दल ने शहनाई वादन से सांस्कृतिक संध्या का आगाज किया। इसके बाद म.प्र. के उमेश यादव नामदेव व दल ने बधाई नृत्य की प्रस्तुति देकर खूबवाही पाई। जोथानपुइया रेन्थले एवं दल ने मिजोरम का चेरावं लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर अपने प्रदेश की संस्कृति से रूबरू कराया। वही याकुम नाबम व दल ने रिखम्पदा नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों को आनन्दित किया। गुजरात का डांग और राजस्थान का चरी, घूमर नृत्य ने सजे पंडाल में मिठास भरने का काम किया।
निकाली गई भव्य शोभा यात्रा- 12 दिवसीय राष्टीय शिल्प मेला के शुभांरभ की कड़ी ढोल, ताशा और डीजे पर बजती मधुर धुन के साथ भव्य शोभा यात्रा दोपहर में केंद्र कार्यालय से ए.जी. ऑफिस, पत्थर गिरिजाघर से सुभाष चौराहा, सिविल लाइंन होते हुए पी.वी.आर तथा राजापुर होते हुए केंद्र कार्यालय तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी। ढोल, ताशा के साथ नाचते गाते यात्रा पूरी भव्यता के साथ अपने निर्धारित मार्ग से पुनः केंद्र कार्यालय पर समाप्त हुई। इस दौरान लोक नृत्य के साथ ही मिजोरम का मनोहारी नृत्यों को देखने के लिए शहरवासी उमड पडे। हर कोई इस मनोहरम दृश्य को अपने मोबाईल में कैद कर लेने के लिए आतुर दिखाई दे रहा था। पूरा दृश्य एक मिनी भारत सा लग रहा था। शोभा यात्रा सुभाष चौराहे पर पहुंचने पर व्यापार मंडल के अध्यक्ष नीरज जायसवाल ने केंद्र निदेशक एवं कलाकारों को पुष्प गुच्छ व माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषार्थी ने किया। इस अवसर पर काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।
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रिपोर्ट सहयोगी विनोद कुमार

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