गजल कर तो लिया है प्यार निभाओगे किस तरह…….
गजल कर तो लिया है प्यार निभाओगे किस तरह…….
तीन दिवसीय जश्न-ए-क़व्वाली कार्यक्रम के दूसके दिन का शुभारंभ शहर उत्तरी विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने किया।
एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से खुसरोबाग में आयोजित जश्न-ए-कव्वाली में शनिवार की शाम वाराणसी से पधारी कव्वाल गायिका हिना नाज के नाम रहा।
उन्होंने एक से बढ़कर एक नगमे पेश कर समा बांधा। इस सुरीली प्रस्तुति में शामिल होने वाले सभी श्रोता मंत्र मुग्ध दिखाई दिए। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक शहर उत्तरी हर्षवर्धन वाजपेयी ने किया। हिना नाज के सूफियाना कलाम को सुनने के लिए लोग आतुर दिखाई दिए। हर कोई खुसरोबाग में इसका साक्षी बनना चाह रहा था। हिना नाज और साथियों ने श्रोताओं का एहतराम किया और “कहके कोई भगवान पुकारे कोई अल्लाह ताला वो है दोनों का रखवाला” सूफियान अंदाज में महफिल का आगाज कर खूब तालियां बटोरी। इसके बाद “ग़ज़ल इस तरह मेरी वफ़ाओं का सिला देता है” के साथ उन्होंने महफिल-ए- शमां को और रौशन किया।
जगमग रौशनी से नहाया ऐतिहासिक मकबरे में मधुर संगीत का मिलन उसकी छटा में चार चांद लगा रहे थे। “एक राष्ट्रीय बांध लो सर पे अपने कफ़न साथियों जान से भी है प्यारा वतन साथियों” की प्रस्तुति देकर वहां पर बैठे दर्शकों में राष्ट्रभक्त की अलख जगाई। श्रोताओं की तालियों के बीच जब उन्होंने “गजल कर तो लिया है प्यार निभाओगे किस तरह.”…पेश किया तो श्रोता झूम उठे। इसी के साथ उन्होंने श्रोताओं की मांग पर कुछ फिल्मी तरानों से महफिल को सजाया। फैज कादरी का “नगमा हम हैं हिन्दुस्तानी, हिन्दुस्तान हमारा है”
गाकर कलाकारों ने माहौल को रूहानी बना दिया। हिना नाज के साथ संगत कलाकारों में ढोलक पर अतीक व सैफ, तबला पर संजय, बैंजो पर असलम, हारमोनियम पर शुहानी खा तथा कोरस पर अनवर ने साथ दिया। केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।