नाराज पितरों को करना है शांत तो इस मंदिर में करें पूजा, चार धाम के बराबर मिलता है फल
नाराज पितरों को करना है शांत तो इस मंदिर में करें पूजा, चार धाम के बराबर मिलता है फल
उत्तर प्रदेश के गोंडा विकासखंड इटियाथोक के अंतर्गत जयप्रभा ग्राम में एक ऐसा मंदिर स्थित है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. जयप्रभा ग्राम में चारों धाम भक्ति धाम मंदिर स्थित है. इस मंदिर में पितृ पक्ष में लोगों की काफी भीड़ रहती है. मान्यता है इस मंदिर में पूजा करने में से पितृ दोष दूर हो जाता है.खबर जगत से बातचीत के दौरान मंदिर के पुजारी यशोदानंद शुक्ला ने बताया कि इस मंदिर की मान्यता यह है कि जो व्यक्ति पैसों के अभाव से या समय के अभाव से चारों धाम की यात्रा नहीं कर सकता है, वह इस मंदिर में आकर दर्शन करने के बाद अपने घर जाकर 12 ब्राह्मण को भोज करे दे. इससे उस व्यक्ति का चारों धाम की यात्रा पूर्ण मानी जाती है.चारों धाम भक्ति धाम मंदिर का निर्माण जन सहयोग नानाजी देशमुख द्वारा 1985 में शुरू करवाया गया था. इसमें जो भी मिस्त्री थे, सभी राजस्थान के थे. वहां पर राजस्थान के पत्थरों का उपयोग हुआ है. पंचमुखी महादेव की मूर्तियां जयपुर से मंगाई गई थी. 2001 में नानाजी देशमुख के द्वारा ही मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस मंदिर के निर्माण में 1985 से लेकर सन 2000 तक लगभग 60 लाख रुपए खर्च हुए थे. मंदिर का मुख्य उद्देश्य यह है कि जो ग्रामीण क्षेत्र के गरीब जनता चारों धाम की यात्रा नहीं कर सकती, उनके लिए इस मंदिर का निर्माण किया गया था. प्रतिवर्ष लगभग 10 से 15 लाख लोग दर्शन करने मंदिर में आते हैं भगवान श्री कृष्ण जिस वृक्ष के पत्ते से माखन कहते थे, ऐसे माखन कटोरा का वृक्ष चारों धाम मंदिर परिसर में स्थित है. माखन कटोरा वृक्ष के पत्ते चम्मच जैसे आकार के होते हैं और वृक्ष का पत्ता कटोरा जैसा दिखता है, इसलिए इस वृक्ष को माखन कटोरा कहा जाता है. मान्यता है कि भगवान श्री कृष्णा इसी वृक्ष के पत्ते से माखन खाय करते थे. गोंडा जिले में माखन कटोरा का एक ही वृक्ष है.