कोरांव में डायरिया से दो सगी बहनों की मौत सात गंभीर अब तक जा चुकी है 14 लोगों की जान
कोरांव में डायरिया से दो सगी बहनों की मौत सात गंभीर अब तक जा चुकी है 14 लोगों की जान
प्रयागराज जिले के कोरांव के संसारपुर में डायरिया से सगी बहनों वंदना (18) और संजना (16) की जान चली गई। गांव का ही झोलाछाप दोनों का इलाज कर रहा था। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप ने सीएचसी और जिला अस्पताल नहीं ले जाने दिया। बृहस्पतिवार रात हालत बिगड़ने पर वह भाग खड़ा हुआ तब 108 एंबुलेंस को सूचना दी गई। उसके पहुंचने के पहले ही आधे घंटे के अंतराल में दोनों बहनों की मौत हो चुकी थी। आशा कार्यकर्ता की सूचना पर सीएचसी कोरांव से स्वास्थ्य टीम गांव गई और डायरिया पीड़ित नौ लोगों का इलाज किया।
कोरांव के संसारपुर निवासी रामरती के मुताबिक उनकी बेटी वंदना स्नातक और संजना इंटर की छात्रा थी। दोनों बहनों को पांच दिन से उल्टी-दस्त की शिकायत थी। रामरती का आरोप है कि गांव के ही एक झोलाछाप से दोनों को दिखाया गया। उसने दवा दी तो दोनों को आराम नहीं मिला। जब हालत में सुधार न होने की जानकारी दी गई तो झोलाछाप ने कहा कि दोनों जल्द ठीक हो जाएंगी। महिला का आरोप है उसने सीएचसी और जिला अस्पताल भी नहीं ले जाने दिया। रात दोनों बहनों की हालत बिगड़ी तो परिजनों 108 एंबुलेंस को सूचना दी। जब तक एंबुलेंस पहुंचती दोनों बहनों की मौत हो गई। सुबह गांव की आशा कार्यकर्ता ने सीएचसी अधीक्षक डॉ. शमीम अख्तर को सूचना दी। अधीक्षक ने बताया कि सूचना मिलते ही गांव में स्वास्थ्य टीम भेजी गई। डायरिया संक्रमण की चपेट में आए शिवम (10), काजल (7), ऋतिक (2), अर्चना (15), सुमन (40), देवदासी (48), सुनीता (40), रोशन लाल (25), वंदना (25) का इलाज चल रहा है। पीड़ितों को दवा देने के साथ ब्लीचिंग पाउडर और टीबीटी का छिड़काव कराया गया। गांव में स्वास्थ्य टीम इलाज कर रही है। जिनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ेगी उन्हें सीएचसी लाकर इलाज किया जाएगा। स्वास्थ्य टीम के साथ एंबुलेंस भी मौजूद है।
कोरांव में डायरिया से अब तक में 14 लोगों की जान जा चुकी है। इन सभी का इलाज झोलाछाप डॉक्टरों ने किया था। कोरांव में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। ऐसा कोई गांव नहीं जहां दो-चार झोलाछाप न हों। क्षेत्र में इनकी संख्या सैकड़ों में है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। कुछ दिन पूर्व अधीक्षक डॉ. शमीम अख्तर ने जांच कर कार्रवाई की बात कही थी। सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि ग्रामीणों को सीएचसी में इलाज कराने के लिए लगातार प्रेरित किया जाता है, फिर भी झोलाछाप की चंगुल में लोग फंस जा रहे हैं। छापा मारा जा रहा है, लेकिन झोलाछाप क्लीनिक बंद कर भाग जा रहे हैं। इसलिए कार्रवाई नहीं हो पा रही। जल्द ही अभियान चला कर झोलाछाप पर शिकंजा कसा जाएगा।
संसारपुर में संक्रमण की मुख्य वजह दूषित पानी बताया जा रहा है। ग्राम प्रधान मुख्तार अहमद सिद्दीकी ने बताया कि गांव में वर्षों से कई हैंडपंपों का पानी दूषित हो चुका है। इसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी से की गई है, लेकिन आज तक रीबोर नहीं कराया गया।