October 22, 2024

महिला अधिवक्ता की हत्या के मामले में दो अधिवक्ताओं सहित 6 लोगों पर FIR दर्ज, दो धड़ों में टूटा अधिवक्ता संघ

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महिला अधिवक्ता की हत्या के मामले में दो अधिवक्ताओं सहित 6 लोगों पर FIR दर्ज, दो धड़ों में टूटा अधिवक्ता संघ


कासगंज एफआईआर की खबर अधिवक्ताओं को हुई तो वह एकत्रित हो गए। उन्होंने लिखी गई एफआईआर का विरोध किया। आपसी गुटबाजी का मामला बताया। अधिवक्ताओं ने बताया कि एफआईआर झूठी और षड्यंत्र के तहत लिखाई गई है।उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर हत्याकांड के मामले में पुलिस ने मृतक अधिवक्ता के पति विजेंद्र तोमर की तहरीर पर छह नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर में नामित लोगों में दो वकील शामिल हैं और एक वकील के तीन पुत्र भी नामजद हैं।
वहीं मामला दर्ज होने के बाद से साथी अधिवक्ताओं में खासा आक्रोश है। उन्होंने एफआईआर को ग़लत बताया है। उन्होंने षड्यंत्र के तहत मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है‌। फिलहाल पुलिस मामला दर्ज करके गंभीरता से मामले की जांच कर रही है जिससे पुलिस किसी निष्कर्ष तक पहुंच सके।बीते दिन से महिला अधिवक्ता हत्याकांड के विरोध में कई जनपद के अधिवक्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। जिनमें एटा, फर्रुखाबाद के अधिवक्ता भी शामिल हैं, अधिवक्ता मोहिनी तोमर अगवा हत्याकांड मामले में पति ब्रिजेन्द्र तोमर की तहरीर पर सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान, केशव मिश्रा निवासी सोरों के अलावा कासगंज के मुहल्ला बड्डू नगर निवासी मुनाजिर रफी के खिलाफ दर्ज किया गया है। यह सभी नामजद किए गए अधिवक्ता हैं।सुबह एफआईआर की खबर अधिवक्ताओं को हुई तो वह एकत्रित हो गए। उन्होंने लिखी गई एफआईआर का विरोध किया। आपसी गुटबाजी का मामला बताया। अधिवक्ताओं ने बताया कि एफआईआर झूठी और षड्यंत्र के तहत लिखाई गई है।मृतक अधिवक्ता मोहिनी तोमर के पति बृजतेन्द्र तोमर द्वारा कराई गई एफआईआर में जिक्र किया गया है है कि मुस्तफा कामिल के लड़कों की जमानत में मोहिनी तोमर ने पीड़ित पक्ष की अधिवक्ता होने के कारण पैरवी और विरोध किया था। आए दिन उक्त व्यक्ति गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते थे।
रोज निकलते उठते वक्त ताना देते थे। जिससे उनकी पत्नी मानसिक रूप से परेशान थी। वहीं मुनाजिर रफी के मामले में बताया कि 26 जनवरी तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की ओर से पैरवी की थी। मुनाजिर की जमानत का विरोध किया था। इसलिए इन लोगों ने मोहिनी तोमर की हत्या की है।

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