कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता
कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता
प्रयागराज भारत विकास परिषद, त्रिवेणी शाखा प्रयागराज ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता हुई। ज्वाला देवी सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज में यह कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। बच्चों ने विभिन्न देवी देवता की वेशभूषा में सुंदर-सुंदर बनकर आए। कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रतिभाग लिया कोई कृष्ण बना कोई सुदामा बना इस तरह अनेक भगवान के रूप में बच्चे सज धज कर घर से आए भारत विकास परिषद त्रिवेणी शाखा हर वर्ष यह कार्यक्रम करती है । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन, के अध्यक्ष ,लायंस क्लब और अनेक संस्थाओं से जुड़े समाजसेवी लालू मित्तल पधारे। कृष्ण जन्मोत्सव के इस कार्यक्रम में बच्चे अपनी संस्कृति से जुड़ते हैं और संस्कार से युक्त होते हैं ।शाखा के अध्यक्ष श्री अरविंद सरण दरबारी ने कहा कि हमें बच्चों को संस्कार सीखाना चाहिए। ज्वाला देवी सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य मीना श्रीवास्तव ने बच्चों को आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम की संयोजिका एवं कार्यक्रम संचालिका एवं निर्णायक की भूमिका में डॉ रश्मि शुक्ला ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे अपने संस्कृति संस्कार से जुड़ते हैं । द्वितीय निर्णायक की भूमिका में डॉक्टर अर्चना सिंह रही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री लालू मित्तल ने भगवान श्री कृष्णा के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्णा से हमें जीवन में अनेक ज्ञान, प्रेरणा मिलती है। श्री कृष्ण का अवतार ही भगवान ने अधर्म पर धर्म की विजय ,अन्याय पर न्याय की विजय, विपत्ति काल में भी धैर्य पूर्वक, साहस से सभी क्षेत्रों में विजय सफलता प्राप्त की जा सकती है। कंस वध, द्रोपदी चीर हरण ,अर्जुन को रण क्षेत्र में गीता का ज्ञान, कृष्ण द्वारा बोले गए श्लोक का अर्थ ,”यदा यदा ही धर्मस्य… जब जब भी धर्म का नाश होता है तो धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेता हूं, एक अंगुली पर पर्वत उठाकर बृजवासियों की रक्षा ,ग्वाल गोपियों के साथ लीलाओं पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। लालू मित्तल ने इस प्रकार की आयोजन से बच्चों में सनातन धर्म अपनी संस्कृति को पहचान समझना में मदद मिलती है, जबकि आज के आधुनिक युग में बच्चे पाश्चात्य संस्कृति की तरफ अंधे की तरह भाग रहे हैं , उन्हें अपनी संस्कृति समाज का बोध कराती है और सदमार्ग पर चने की प्रेरणा देती है। अच्छे सारथी ,अच्छे मित्र आदि अनेकों गुणों से युक्त कृष्णा चरित्र हमें उनके जीवन से हमें बहुत सीख मिलती है। जिसका हमें अनुसरण करना चाहिए।अनेक प्रकार की प्रतियोगिताओं में बच्चों को मेडल पहनकर पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। शाखा के कोषाध्यक्ष सुनील जायसवाल ने सबका अभिवादन किया, शाखा के सचिव श्री कन्हैया जी अग्रवाल ने सबको धन्यवाद ज्ञापन किया कार्यक्रम में मंजू दरबारी ,रमन गुप्ता जय हिंद, प्रशांत दरबारी ,आकांक्षा दरबारी ,हरिप्रसाद शुक्ला, शिक्षक ,शिक्षिकाएं एवं बच्चों के अभिभावक उपस्थित रहे।