रेस्टोरेंट के बाहर हो या बस अड्डा, प्रयागराज में शाम होते ही लगता है शराबियों का अड्डा
रेस्टोरेंट के बाहर हो या बस अड्डा, प्रयागराज में शाम होते ही लगता है शराबियों का अड्डा
प्रयागराज किसी रेस्टोरेंट के बाहर हो या बस अड्डा। शाम होते ही लग जाता है शराबियों का अड्डा। जी हां। सर्द मौसम में शरीर का तापमान बढ़ाने के लिए शराब के शौकीनों समेत तमाम अराजक तत्व भी जाम टकराने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। वह सड़क किनारे जाम से जाम तो छलकाते ही हैं, साथ ही खाली बोतल व बीयर की केन बीच सड़क पर फेंक देते हैं। शहर से लेकर हाईवे तक की सड़कें शराबियों की करतूत की गवाही देती हैं, लेकिन जिम्मेदार अफसर ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने में हीलाहवाली कर रहे हैं। इसके चलते ही मनबढ़ शराबी रोजाना शहर की सूरत बिगाड़ने के साथ ही अराजकता का माहौल बना रहे हैं।शहर का सबसे पाश इलाका सिविल लाइंस माना जाता है। मगर यहीं पर खुलेआम शराब पीने वालों की तदाद सबसे ज्यादा है। सिविल लाइंस में हाट स्टफ चौहाहे के पास स्थित एक होटल के सामने शाम सात बजे के बाद शराबियों का जमावड़ा लग जाता है और फिर आधी से पहले तक जाम टकराते रहते हैं। पत्रिका चौराहे के भी ऐसा ही कुछ हाल रहता है। प्रधान डाक घर,सरदार पटेल मार्ग, थार्नहिल रोड, एजी आफिस चौराहे के निकट, एमजी मार्ग, स्टेनली रोड और पीडी टंडन रोड पर भी चलती कार में जाम छलकाते व गाने की धुन पर धीरे-धीरे झूमते रहते नजर आ जाएंगे। सिविल लाइस ही नहीं, बल्कि कैंट थाना क्षेत्र के राजापुर, शाहगंज, धूमनगंज व खुल्दाबाद के लीडर रोड, कोतवाली के जानसेनगंज व चंद्रलोक सिनेमा के आसपास भी शराबियों की भीड़ लोगों को रास्ता मोड़ने के लिए विवश कर देती है। चौंकाने वाली बात यह है कि सड़क किनारे स्थित रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा के संचालक ऐसे लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संरक्षण के साथ चखना प्रदान करते हैं।