कोलकाता ट्रेनी डाक्टर के रेप और मर्डर के आरोपी का आया सीसीटीवी फुटेज सामने, सीबीआई की जाँच में आ रहे चौकाने वाले तथ्य
कोलकाता ट्रेनी डाक्टर के रेप और मर्डर के आरोपी का आया सीसीटीवी फुटेज सामने, सीबीआई की जाँच में आ रहे चौकाने वाले तथ्य
पहली बार कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस में आरोपी संजय रॉय की तस्वीरें सामने आई हैं। दरअसल, वीडियो में से तस्वीरें निकाली गई हैं। इससे आरोपी की मौके पर मौजूदगी साबित हो रही है। इन तस्वीरों से सीबीआई की वो दलील भी मजबूत हो रही है, जिसमें जांच एजेंसी ने दावा किया था कि उनके पास आरोपी की मौका-ए-वारदात पर मौजूदगी के सबूत हैं।सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि आरोपी संजय रॉय अपनी बाइक पर सुबह 3 बज कर 42 मिनट पर अपनी बाइक पर सवार होकर अस्पताल परिसर में दाखिल होता है। इसके बाद 3 बज कर 48 मिनट पर वो इमरजेंसी बिल्डिंग के रैंप से होते हुए बिल्डिंग में दाखिल होता दिखाई दे रहा है। सुबह 4 बज कर 3 मिनट पर आरोपी तीसरे फ्लोर पर बने सेमिनार हॉल यानी घटना की जगह की ओर जाता दिख रहा है। जबकि लगभग आधे घंटे बाद, कथित तौर पर वारदात को अंजाम देकर, वो 4 बज कर 37 मिनट पर अपनी उसी बाइक पर बैठकर अस्पताल से बाहर जाता दिखाई देता है।ये सीसीटीवी फुटेज 9 अगस्त की देर रात (3 से 4 बजे के बीच) की है। फुटेज में संजय जींस और टी-शर्ट पहने नजर आ रहा है। संजय रॉय के हाथ में हेलमेट भी नजर आ रहा है। पुलिस के मुताबिक, ऐसा हेलमेट कोलकाता पुलिस के कर्मी इस्तेमाल करते हैं। मगर सबसे खास बात ये है कि तीसरे फ्लोर पर सेमिनार हॉल की तरफ जाते वक्त संजय के गले में ब्लूटूथ दिखाई देता है, पर जब वो बाहर निकलता है तो उसके गले में कोई ब्लूटूथ नजर नहीं आ रहा है। यानी जो ब्लूटूथ पुलिस को मौका-ए-वारदात से मिला था वो संजय का ही था, इस बात में अब शक की कोई गुंजाइश नहीं है।उधर, कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप करने और बाद में उसकी जान लेने के आरोपी संजय रॉय को लेकर बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मनोवैज्ञानिकों की एक टीम ने उससे घंटों तक पूछताछ की थी। डॉक्टरों के मुताबिक, आरोपी संजय रॉय के मन में कोई पछतावा नहीं है। इतना ही नहीं, न तो वो डरा हुआ है, न ही उसके चेहरे पर इतनी संगीन वारदात को अंजाम देने के बाद जरा सी भी शिकन है। डॉक्टरों ने यहां तक कहा कि उसकी प्रवृत्ति जानवरों जैसी है।सीबीआई कभी भी आरोपी और संदिग्धों का वैज्ञानिक टेस्ट करवा सकती है। उनसे ये सवाल भी हो सकता है कि वारदात की जानकारी उन्हें किसके जरिये मिली? कब मिली? इसके फौरन बाद क्या-क्या कार्रवाई की गई? FIR में देरी और पीड़िता के परिवार को सुसाइड की खबर देने को लेकर सवाल भी किये जा सकते हैं। मुख्य आरोपी संजय रॉय से मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से रिश्तों को लेकर भी सवाल पूछे जा सकते हैं।आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली के दावों के मुताबिक, संजय रॉय मेडिकल कॉलेज में संदीप घोष का बाउंसर बनकर घूमता था। प्रदर्शन करने वाले डॉक्टर्स और पीड़िता का परिवार भी संदीप घोष पर मामले की लीपापोती का आरोप लगा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी हुई सुनवाई के दौरान उनकी भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए।