अनिल प्रधान को विधानसभा बैठक की कार्यवाही से दूर रखने के दिशा निर्देश
अनिल प्रधान को विधानसभा बैठक की कार्यवाही से दूर रखने के दिशा निर्देश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश नियामक सभा विधानसभा बैठक के चौथे दिन की कार्यवाही आज जारी रही। बागवानी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि 2006 से 2014 तक यूपीए सरकार द्वारा स्वामीनाथन बोर्ड की रिपोर्ट को कूड़ेदान में फेंक दिया गया। यूपीए सरकार ने यह नहीं सोचा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट से आम जनता को लाभ मिले।
इसके लिए यूपीए सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को आम जनता से दूर कर दिया।जब 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को आम जनता के सामने लाया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट का 90% काम पूरा करके काम पूरा कर दिया है।यूपीए सरकार में गेहूं का एमएसपी 1400 रुपये था। इस पर सपा विधायक अनिल प्रधान ने किसान नेता सूर्य प्रताप शाही को आगे बोलने से रोकते हुए उनकी ओर उंगली उठाकर जवाब मांगने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि वह उन्हें सदन की कार्यवाही से बाहर कर देंगे। सपा विधायक अनिल प्रधान का नाम लेते ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा विधायक अनिल प्रधान को सदन की कार्यवाही से बाहर करने के निर्देश दिए। निर्देश मिलने के बाद सपा विधायक को बाहर कर दिया गया। इसके बाद विपक्ष के सभी विधायकों ने सदन में हंगामा कर दिया। इस पर सतीश महाना ने सदन को शांत करने का प्रयास किया और कहा कि यह बोलने का तरीका नहीं है। इसके बाद बाकी विधायकों के सुझाव पर अनिल प्रधान को फिर से सदन की कार्यवाही में लाया गया।