October 14, 2024

सेंट्रल जेल के वॉच टॉवर 4 की दीवार को फांदकर 15 मिनट में भागा था सजायाफ्ता कैदी

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सेंट्रल जेल के वॉच टॉवर 4 की दीवार को फांदकर 15 मिनट में भागा था सजायाफ्ता कैदी

प्रयागराज नैनी सेंट्रल जेल के बाहर बाग कमान से बीते 20 जुलाई को फरार हुए सजायाफ्ता कैदी कालीचरण के मामले में एक बड़ा सच सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक कैदी 15 मिनट में बाग़ कमान के वॉच टॉवर 4 के पास महिला बैरक की टूटी दीवार पर चढ़कर फरार हो गया था। कैदी के फरार होने में बड़ी लापरवाही जेल वार्डर (संतरी) अभिषेक सिंह की बताई जा रही है। कैदी की निगरानी वार्डर अभिषेक सिंह कर रहा था। फिलहाल अभी इस पूरे मामले में जांच की जा रही है।
नैनी सेंट्रल जेल के सर्किल नंबर दो में बंद महोबा के पसवारा का रहने वाला गैंगरेप का आरोपी कालीचरण पुत्र मुल्लू 9 मार्च को महोबा जेल से नैनी जेल में भेजा गया था। जहां उसे दो नंबर सर्किल में रखा गया था। चार महीने से वह बाहर बाग़ कमान पर जा रहा था। अचानक से 20 जुलाई को वह फरार हो गया। जेल सूत्रों के मुताबिक 18 जुलाई को उसकी पत्नी रोशनी और उसका भाई देवदीन मुलाक़ात कर महोबा वापस लौट गये थे। मुलाकात के बाद उसका चेहरा काफी उतरा हुआ था। बताते चले कि 20 जुलाई को दोपहर 2 बजे कमान निकाली गई। सर्किल एक, दो और तीन से कुल 22 कैदियों को लेकर 2.15 बजे वार्डर अपने हथियार के साथ 3 बजे बाहर बाग़ कमान पहुंच गये। उस दौरान वॉच टॉवर 3 के नीचे बलबीर सिंह खड़े थे। जहां चार कैदी काफी घनी झाड़ियों में नेनुआ और लौकी तोड़ रहे थे। वहीं 2 और 3 नंबर वॉच टॉवर के बीच वॉर्डर बृजेश यादव और आशुतोष चतुर्वेदी की निगरानी में 18 कैदी भी काम कर रहे थे। जिसमें कालीचरण भी शामिल था।वहीं वॉच टॉवर 4 के पास अभिषेक सिंह को लगाया गया था। जहां से महिला बैरक की दिवार का आखिरी कोना ज्यादा दूर नहीं है। उस दौरान सभी बंदी काम में लगे थे। तभी कालीचरण ने पेशाब करने के लिए बहाना किया और हेड वॉर्डर बलबीर से पूछकर चार नंबर की तरफ झाड़ियों में चला गया। जहां अभिषेक उसे देख रह था कालीचरण झाड़ियों के सहारे महिला बैरक की टूटी दीवार तक पहुंच गया और दीवार व पास के पेड़ों पर चढ़कर 25 फिट की दीवार को बड़ी आसानी से 15 मिनट में लांघ गया। उसके न लौटने पर वॉर्डरों ने आवाज लगाई लेकिन कोई आहट नही हुई। इसके में उसी झाड़ियों में उसकी खोजबीन शुरु की गई। जब गिनती कराई गई तो कालीचरण गिनती से बाहर था। सेंट्रल जेल की इसी दीवार को अंदर से फांद कर फरार हुआ था कैदी कालीचरण को 20 साल की सजा मिलने के बाद नैनी सेंट्रल जेल में भेजा गया था। जहां वह सर्किल दो यानी (दुगाड़ा) में रखा गया था। वह अन्य बंदियों से बात नही करता था। काफी शान्त और गुमशुम रहता था। कमान पर जाने के दौरान अपने काम को काफी तेजी से करता था। फावड़ा चलाने में वह माहिर था। वह कमान से भागने की तरकीब कई दिनों से लगा रहा था। रोज बाग़ कमान में जाने के दौरान उसे महिला बैरक की टूटी दीवार दिखी तो, वह उसे अपना भागने का रास्ता बनाने पर अमल करने लगा। 20 जुलाई को भी वह रोज की तरह कमान पर गया था। जहां वह मौके की तलाश में था। लेकिन उसे मौका नही मिल रहा था। बाद में उसे मौका मिला और वह भागने में कामयाब हो गया।
सेंट्रल जेल के अंदर बाग़ में 10 फिट की चरी व बाजरे उगाये गये है। यहा हरा चारा गौशालों में जानवरों को खिलाने के काम में आता है। बाकी मोटा अनाज बंदियों को दिया जाता है। 20 जुलाई को जब बंदी फरार हुआ तो इसी 10 फिट की चरी के सहारे छिपकर महिला बैरक की दीवर तक पहुंचा था। जेल सूत्रों के मुताबिक इस चरी के अंदर किसी बंदी की जाने की हिम्मत नही होती है। कैदी कालीचरण चरी की खेती में छिपने के बाद किसी को नही दिखा।कैदी कालीचरण के फरार होने के मामले में जेल के चार अन्य बंदियों से कड़ी पूछताछ की गई। जिसमें कैदी दीपू और बुदई के आलावा दो अन्य बंदियों ने जेल प्रशासन को कुछ अहम बातें बताई है। जिसको लेकर जांच की जा रही है। वहीं कमान लेकर गए हेड वॉर्डर बलवीर यादव, वॉर्डर अभिषेक सिंह, बृजेश यादव व आशुतोष चतुर्वेदी को सस्पेंड कर दिया गया है। सभी से इस घटना के बारे में पूछताछ की गई हैं।
जेल की कमान से कैदी के भागने के बाद जेल प्रशासन सख्त हो गया है। जेल की कमान में जाने वाले बंदियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही अब जेलर, डिप्टी जेलर और महिला डिप्टी जेलर को बकायदा निरीक्षण करने का निर्देश वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर ने दिया है। सभी कमान जाने के बाद मौके पर जाकर राउंड करेंगे और निगरानी करेंगे। इस दौरान लापरवाही होने पर कड़ी कार्रवाई किये जाने का फरमान जारी किया है। फरार कैदी काली चरण की तलाश में टीमें लगातार दबिश दे रही है। वॉर्डरो से पूछताछ की जा चुकी है। महोबा में भी स्थानीय पुलिस तलाश कर रही है। इसके अलावा भी विभागीय जांच की जा रही है। बंदियों से पूछताछ के बाद जांच की जा रही है-रंग बहादुर पटेल, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, नैनी सेंट्रल जेल

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