November 21, 2024

चर्तुमास का महीना पुण्य प्राप्त करने का अवसर होता है शंकराचार्य वासुदेवानन्द

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चर्तुमास का महीना पुण्य प्राप्त करने का अवसर होता है
शंकराचार्य वासुदेवानन्द


प्रयागराज श्री मज्ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य भगवान वासुदेवा नन्द सरस्वती जी महाराज ने अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम में चर्तुमास अनुष्ठान में बोलते हुए श्रद्धालु/भक्तों को बताया कि चर्तुमास और विशेष रूप से सावन ईश्वर को प्राप्त करने का और पुण्य कमाने का सर्वोत्तम अवसर होता है। वनवास के समय भगवान राम ने भी चर्तुमास किया था। महाभारत में भी चर्तुमास अनुष्ठान का वर्णन है। सावन महीने में ही श्रद्धा, आस्था और ईश्वरत्व की भावना से भरपूर श्रद्धालु भक्त पुरुष, महिला और बच्चे ककरीले, पथरीले मार्ग पर पानी से भिगते और धूप में जलते शंकर भगवान को जल चढ़ाने के लिए कावरिया लेकर लम्बी-लम्बी यात्राएं करते हैं। यह सनातन धर्म का ही प्रभाव है। चर्तुमास अनुष्ठान में श्री मज्ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य भगवान वासुदेवा नन्द सरस्वती जी महाराज से आशीर्वाद लेने पहुंचे। पूर्व विधायक श्री उदयभान करवरिया एवं उनकी पत्नी पूर्व विधायिका श्रीमती नीलम करवरिया ने माला पहना कर एवं फल-फूल दान करके पूज्य शंकराचार्य जी का आशीर्वाद लिया। अन्य भक्तों ने भी भगवान शंकराचार्य जी को माला पहनाकर आशीर्वाद लिया।
उक्त अवसर पर दण्डी संन्यासी स्वामी विनोदा जी महराज, ब्रह्मचारी विपिन जी मिश्रा, मनीष जी मिश्रा, संतोषी माता कल्याणी देवी मंदिर के अध्यक्ष पं0 सुशील पाठक, संतोष त्रिपाठी, ज्योतिषपीठ प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी आदि ने पूज्य शंकराचार्य जी से आशीर्वाद लिया।

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