December 4, 2024

काशी में बढ़ा गंगा का जलस्तर,पानी में डूबे घाट,छोटी नावों के संचालन पर लगी रोक

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काशी में बढ़ा गंगा का जलस्तर,पानी में डूबे घाट,छोटी नावों के संचालन पर लगी रोक

वाराणसी।पहाड़ों पर लगातार बारिश होने का असर मैदानी इलाकों में दिखाई देने लगा है।गंगा सहित उनकी सहायक नदियों के जलस्तर का बढ़ना तेजी से जारी है। आध्यात्मिक नगरी काशी में गंगा के जलस्तर में 20 मिलीमीटर की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है।गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है।गंगा में छोटी नाव के संचालन पर रोक लगा दी गई है।
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से पक्के घाटों का आपसी संपर्क भी टूटना शुरू हो गया है।गंगा की खूबसूरत सीढ़ियां और मंदिर भी जलमग्न होने लगे हैं।तटवर्ती इलाके पर आश्रित होकर जीविकोपार्जन करने वाले भी ऊंचाई पर पलायन करना शुरू हो चुके हैं।आध्यात्मिक नगरी काशी के खूबसूरत दिखने वाले पक्के घाट बाढ़ के पानी में समाते जा रहे हैं।सभी 84 घाटों की सीढ़ियों को गंगा का पानी डुबोने पर आमादा है।घाट किनारे छोटे मंदिर जलमग्न हो चुके हैं।बड़े मंदिरों को बाढ़ ने अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है।गंगा के बढ़ते जलस्तर से NDRF और जल पुलिस अलर्ट मोड़ पर है।नाव के संचालन से लेकर गंगा स्नान करने वाले सभी लोगों को जल पुलिस की तरफ से हिदायत देने का सिलसिला जारी है।गंगा में सभी तरह की छोटी नाव के संचालन पर रोक लग चुकी है और बड़ी नाव पर भी क्षमता से आधिक सवारी न बैठाने का निर्देश दे दिया गया है।नाविक प्रेम सागर ने बताया कि अगर ऐसे ही गंगा का जलस्तर बढ़ता गया तो आने वाले दिनों में पूरी तरह से गंगा में नौका संचालन पर रोक लग जाएगी।घाट किनारे पूजन-पाठ कराकर अपनी आजीविका चलाने वाले पंडा शत्रुघ्न पांडे और रमेश त्रिपाठी ने बताया कि गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे वह अपनी चौकियों और छतरी को ऊंचाई पर ले जा रहें है।अगर ऐसे ही गंगा का पानी बढ़ता गया तो हम सड़क पर ही अपनी चौकियों को रखकर पूजन कराएंगे।बाढ़ के वक्त हर बार ऐसा होता है।दूसरी ओर काशी घूमने आने वालों की पहली पसंद गंगा में नौका विहार और घाट टू घाट वॉक होता है,लेकिन गंगा के बढ़ते जलस्तर ने दोनों ही हसरतों पर पानी फेर दिया है। गुवाहाटी से आए विश्वदीप और संगीता ने बताया कि काफी निराशा हाथ लगी है।सोचा नहीं था कि गंगा में नौका विहार नहीं कर पाएंगे और एक घाट से दूसरे घाट पर घूम भी नहीं पाएंगे।

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