December 22, 2024

माहे रमज़ान में की गई इबादत के शर्फेक़ूबूलियत को भारत के 95% शिया मुसलमानों ने पढ़ी ईद उल फित्र की नमाज़

0

माहे रमज़ान में की गई इबादत के शर्फेक़ूबूलियत को भारत के 95% शिया मुसलमानों ने पढ़ी ईद उल फित्र की नमाज़

रात दो बजे शिया समुदाय की ओर से हुआ ईद के चांद का ऐलान

ईरान के शीर्ष धर्मगुरु आयतउल्ला शिशतानी साहब के भारत में नुमाइंदे अशरफ़ ग़रवी की तस्दीक के बाद प्रयागराज के इमाम ए जुमा वल जमात सैय्यद हसन रज़ा ज़ैदी व मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी ने रात के दूसरे पहर चांद की तस्दीक वीडियो जारी कर कि””””””

भारत के लगभग 95% शिया समुदाय ने बुधवार को ईद उल फित्र की नमाज़ अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ अदा कि। इस्लामिक ऐतेबार से माहे रमज़ान के रोज़े मुकम्मल होने पर खुदा द्वारा अपने बन्दों को रहमत बरकत व मग़फिरत के दिन मुकम्मल करने ईद उल फित्र को बन्दों के लिए तोहफा करार देते हुए देश के विभिन्न शहरों व प्रयागराज की मुख्तलिफ शिया मस्जिदों में बन्दों ने बारगाहे इलाही में शुक्र का सजदा किया‌।सफेद कुर्ता पायजामा और सर पर टोपी लगा कर बच्चे बूढ़े और नवजवान पंक्तिबद्ध होकर मस्जिद पहुंचे और बा जमात नमाज़ अदा कि।चक शिया जामा मस्जिद में इमाम ए जुमा वल जमात सैय्यद हसन रज़ा ज़ैदी , मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार में इमाम ए जमात जव्वादुल हैदर रिज़वी , मस्जिद बीबी खदीजा करैली में मौलाना सैय्यद रज़ी हैदर की क़यादत में बड़ी संख्या में शिया समुदाय ने ईद उल फित्र की नमाज़ अदा कि। मस्जिदों के बाहर पुलिस प्रशासन के लोग मौजूद रहकर नमाज़ को सकुशल संपन्न कराने में मुस्तैद रहे।वहीं करैली ,दरियाबाद ,रानी मण्डी ,दायरा शाह अजमल की मस्जिद ए नूर ,करैली वी आई पी कालोनी की जमीयतुल अब्बास सहित अन्य शिया समुदाय की मस्जिदों में ईद उल फित्र की नमाज़ अदा कि गई।नमाज़ के बाद मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी ने खुतबा पढ़ा तो मस्जिद क़ाज़ी साहब के मुतावल्ली शाहरुख काजी ने सभी नमाज़ीयों का इत्र लगाकर इस्तेक़बाल करने के साथ सभी को रुमाल भेंट किया ‌

*फिलीस्तीन के हक़ में मांगी गई दुआ*

इज़राईल द्वारा बेगुनाह फिलीस्तीन के रिहाईशी इलाक़ों इबादतगाहों स्कूल कालेज व अस्पतालों में कि जा रही बमबारी और बेगुनाह फिलीस्तीनी मुसलमानों की शहादत पर ईद की नमाज़ के बाद जहां गुस्से व ग़म का इज़हार किया गया वहीं बेगुनाहों की मौत पर मग़फिरत की दूआ भी मांगी गई।यूनाईटेड नेशन से फिलीस्तीन के बचे लोगों के लिए खाना पानी दवाई के साथ शान्ति स्थापित करने में आगे आने का आहृवान भी किया गया।लोगों बाद नमाज़ मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी की क़यादत में हाथ फैला कर बारगाहे इलाही में फिलीस्तीनी मुस्लिमों के हक़ में दुआ तो इज़राईल के नेस्तो नाबूद की बद्दुआ भी की गई।

*नमाज़ से पहले मुस्ताहक़ तक पहुंचनी चाहिये फित्रे की रक़्म* (मौलाना जवादुल हैदर)

मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार में मस्जिद के इमाम ए जमात मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी ने अपने ख़ुत्बे में कहा की हर बालिग़ पर फित्रा अदा करना वाजिब है।एक माह में खाए जाने वाले गेंहू ,चावल या आंटा के तीन किलो के हिसाब से नमाज़ से पहले फित्रा निकालना चाहिये ताकि हमसे कमतर भी ईद मना सके।अपनी ख्वाहिशात को बालातर कर ज़रुरतमन्दों की इमदाद करो ताकि हमारे और ग़रीब ग़ुरबा के बीच फर्क़ न रहने पाए और वह भी ईद उल फित्र अच्छे से मना सके।

*मस्जिद क़ाज़ी साहब व मस्जिदें नूर में नमाज़ीयों व बच्चों को मिले ईद के तोहफे*

मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार में नमाज़ व ख़ुत्बे के बाद मस्जिद के मुतावल्ली शाहरुख क़ाज़ी द्वारा इमाम ए जमात मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी, मोअज़्ज़िन अमजद हुसैन पप्पू ,इमरान समेत पांच लोगों को तोहफा भेंट कर सम्मानित किया गया।उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार शाहरुख क़ाज़ी की ओर से मस्जिद में नमाज़ अदा करने आए सभी नमाज़ीयों को इत्र लगा कर व एक एक रुमाल भी भेंट किया गया।मस्जिदें नूर दायरा शाह अजमल में इन्तेज़ामिया कमेटी की ओर से एक माह तक रमज़ान के दौरान छोटे बच्चों में नमाज़ रोज़ा और दीनी सवालात के सही जवाब देने वालों को पुरस्कृत किया गया।

*भाई चारा और एकता की मिठास से सराबोर सेवईयों के लुत्फ उठाने में साथ साथ रहे हिन्दू व मुसलमान*

ईद हो और सेंवई की बात न हो तो यह बेईमानी होगी।ईद के साथ सेंवई की मिठास जहां मुस्लिमों को तो भाती ही हैं वहीं बड़ी संख्या में हिन्दू भाई हैं जो ईद की सेंवई के लिए बेताब रहते हैं।मुस्लिमों को भी अपने हिन्दू भाईयों का इस खास दिन पर इंतेज़ार रहता है।मशीनों से मैदे की बनी सादी सेंवई में मेवे चीनी की चाशनी और दूध खोवा का सही तालमेल ही उसे लज़ीज़ बनाता है।सादी दूध वाली सेंवई के अलावा क़ेमामी ,शीरब्रंज ,ईरानी ,मुग़ली ,अफग़ानी , मुम्बई की मशहूर शीरक़ोरमा आदि प्रकार की सेंवई का लुत्फ उठाने को लोग दिन भर एक दूसरे के घर आते जाते रहे।वहीं मीठे दही बड़े,बिरयानी कबाब व कोरमा से भी लोगों ने ज़ायका लिया।

भवदीय
सैय्यद मोहम्मद अस्करी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *