सबूत बगैर एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने के आरोपी कर्मचारी की बर्खास्तगी अवैध करार,एक माह में बहाली का निर्देश
सबूत बगैर एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने के आरोपी कर्मचारी की बर्खास्तगी अवैध करार,एक माह में बहाली का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक पत्नी के जीवनकाल में दूसरी शादी करने के आरोपी सरकारी कर्मचारी को बड़ी राहत दी है।
कोर्ट ने सेवा बर्खास्तगी रद्द कर एक माह में बहाल करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी ने दूसरी शादी की है विभाग साबित करने में नाकाम रहा।
यह आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र ने प्रभात भटनागर की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा कि याची ने भले ही दूसरी शादी कर ली है ,इस आधार पर उसकी बर्खास्तगी नहीं की जा सकती । क्योंकि, यूपी सरकारी सेवक आचरण नियमावली के नियम 29 के तहत सरकारी कर्मचारी की दूसरी शादी के मामले में केवल मामूली सजा का प्रावधान है।
याची को बरेली जिला विकास अधिकारी कार्यालय में प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त किया गया था। आरोप लगाए गए कि उसने एक पत्नी के रहते दूसरी शादी कर ली है। याची पर विभागीय जांच बैठाई गई।याची ने दूसरी शादी करने के आरोप को नकार दिया। फिर भी उसे दोषी करार दे बर्खास्त कर दिया गया।
विभागीय अपील भी सरसरी तौर पर खारिज की गई। एक बैनामे में महिला ने याची को अपना पति बताया था। इसके अलावा शादी करने का कोई सबूत नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि स्वघोषणा शादी का पर्याप्त सबूत नहीं है। खासकर द्विविवाह जैसे आरोपों के पर्याप्त सबूत होने ही चाहिए। नियम 29 के अनुसार इस तरह के कदाचार के लिए सजा केवल तीन साल केलिए वेतन वृद्धि रोकना हो सकती है।