अभिजीत ने अपने सुरों की महक से श्रोताओं को किया मुग्ध, संस्कृति व शिल्पकारों का अनूठा राष्ट्रीय शिल्प मेला बना आकर्षण का केंद्र
अभिजीत ने अपने सुरों की महक से श्रोताओं को किया मुग्ध, संस्कृति व शिल्पकारों का अनूठा राष्ट्रीय शिल्प मेला बना आकर्षण का केंद्र
इन दिनों उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र लोक उत्सव मना रहा है। यहां गीत, संगीत और शिल्प कला के दिग्गजों का संगम है।
सूरज ढलते ही मुक्ताकाशी मंच कलाकारों के सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से नाच उठता है।
जी हां हम बात कर रहे हैं 12 दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेले की। शनिवार शाम मशहूर बॉलीवुड गायक अभिजीत घोषाल को सुनने के लिए भीड़ को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे सारा शहर एनसीजेडसीसी की ओर चल पड़ा है। छुट्टी का दिन होने की वजह से शिल्प हाट में मेले की रौनक देखने दूर-दूर से लोग आए हुए थे। भव्य मुक्ताकाशी मंच पर श्रोताओं के तालियों के बीच शनिवार को अभिजीत घोषाल ने सुरों का जादू बिखेरा। उन्होंने हिंदी और पंजाबी में संगीतबद्ध गीतों का आवाज देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरूआत मेरे रश्के कमर से की। इसके बाद इक हसीना थी, इक दीवाना था गीत पेश कर श्रोताओं की दीवाना बना दिया। नीले – नीले अंबर पर, जेई तैनू धूप, बाहों में चले आओ सनम हमसे क्या परदा, सच कह रहा है दीवाना और जरा सी दिल में दे जगह जैसे गीत गाकर श्रोताओं को खूब मनोरंजन किया। प्रयागराज में पले बढे अभिजीत घोषाल ने अपने गायकी से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। उन्होंने श्रोताओं की फरमाइस पर कई गीत गाए। देर रात तक श्रोता उनके गीतों पर झूमते रहे। जैसे- जैसे मेला समापन की ओर बढ रहा है वैसे- वैसे सांस्कृतिक संध्या निराली होती जा रही है। केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने कलाकारों को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।
विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने लोकनृत्य की प्रस्तुति से बांधा समा-
जम्मू कश्मीर से आए कलाकार अब्दुल राशिद राठौर ने कश्मीरी रउफ की सुंदर प्रस्तुति से दर्शकों को मन मोह लिया। पंजाब के कलाकारों द्वारा भांगड़ा व गिद्दा नृत्य तथा उडीसा का गोटीपुआ नृत्य पेश किया तो हर कोई लोक उत्सव के रंग में डूब गया। कोनापारा शिव दुर्गा द्वारा पश्चिम बंगाल का नटुआ नृत्य की प्रस्तुति दी गई, जबकि जितेन्द्र शाह एवं दल ने उत्तराखंड का गढ़वाल नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब वाहवाही पायी ।
बिहार का लिट्टी चोखा, राजस्थान का दाल बाटी चूरमा का जायका बना लोगों का पसंद-
खाने पीने के लिए शहर में कई आप्शन हैं इसके अलावा आए दिन कई फूड फेस्टिवल शहर में लगते रहते हैं। फिर भी खाने के शौकीन हर दिन नए-नए आप्शन तलाशते रहते हैं। ऐसे ही एक फूड कार्नर है एनसीजेडसीसी का शिल्पहाट का मेला जहां पर देश के कोने कोने से लोग अपने स्टाल को लगाए हैं। बिहार का लिट्टी चोखा,राजस्थान का दाल बाटी और चूरमा प्रयागवासियों को खूब पसंद आ रहा है।