तुम्हें दिल लगी भूल जानी पड़ेगी……… राष्ट्रीय शिल्प की सातवीं शाम सूफी गायक मानक अली के नाम रही
तुम्हें दिल लगी भूल जानी पड़ेगी………
राष्ट्रीय शिल्प की सातवीं शाम सूफी गायक मानक अली के नाम रही
राष्ट्रीय शिल्प मेला में मानक अली के गीतों का सुरूर गुरूवार को लोगों के सिर चढ़कर बोला। सूफी गायक मानक अली के मुक्ताकाशी मंच पर कदम रखते ही लोगों ने जोरदार तरीके
से स्वागत किया। उन्हें सुनने के लिए लोग कितने उतावले थे इसका अंदाजा इसी से लगता है कि लोग कुर्सियों से उठकर उनके हर अंदाज को मोबाइल में कैद करने लगे। उन्होंने ख्वाजा मेरा ख्वाजा गीत से कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद बाबा बुल्ले शाह जी कलाम ,मुसिबत में शरीफो की शराफत की कमी नहीं होती और तुम्हें दिल लगी भूल जानी पडेगी जैसे गीत गाकर खूब तालियां बटोरी। शुरू में उन्होंने ने कई गीतों के मुखड़े सुनाए। मानक अली ने स्टार नाइट में अपने उन्हीं गीतों को दोहराया जिनके लिए वे जाने जाते हैं। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित 12 दिवसीय राष्टीय शिल्प मेले में हर दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहती है। लोग ठंडक में चाय की चुस्कियों के साथ खरीददारी के साथ मनोरंजन का लुफ्त उठा रहे हैं। हर कोई इस मेले का साक्षी बनना चाह रहा है। इस अदितीय आयोजन में लोकनृत्यों की भी धूम रही। जम्मू कश्मीर से आए कलाकार अब्दुल राशिद राठौर ने कश्मीरी रउफ की सुंदर प्रस्तुति से दर्शकों को मन मोह लिया। पंजाब के कलाकारों द्वारा भांगड़ा व गिद्दा नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों में नई ऊर्जा का संचार किया। भगवान जगन्नाथ और कष्ण के वेश में जब कलाकारों ने उडीसा का गोटीपुआ नृत्य पेश किया तो हर कोई भक्ति रंग में डूब गया। कोनापारा शिव दुर्गा द्वारा पश्चिम बंगाल का नटुआ नृत्य की प्रस्तुति दी गई, जबकि जितेन्द्र शाह एवं दल ने उत्तराखंड का गढ़वाल नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। साथी कलाकारों में कीबोर्ड पर हनी व इंद्रजीत सिंह, पैड पर सुखचैन सिंह, ढोल पर युद्धवीर सिंह तथा तबले पर मंगा ने साथ दिया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषर्थी ने किया।