अल्पनख्यको की तरह दलित समाज भी अपने पुराने घर कांग्रेस में वापसी कर रहा है – अरशद अली
अल्पनख्यको की तरह दलित समाज भी अपने पुराने घर कांग्रेस में वापसी कर रहा है – अरशद अली
*जय जवाहर जय भीम मुस्लिम दलित जनसंपर्क सप्ताहित समापन हुआ*
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के द्वारा जय जवाहर जय भीम दलित मुस्लिम एकता जनसंपर्क कार्यक्रम में आज दिनाक 12/8/2023 को इलाहाबाद के शहर अध्यक्ष अरशद अली की अगुवाई में आज अल्लहपुर हैजा अस्पताल की दलित बस्ती मे पर्चे बांटे और दलित समाज के लोगो से संवाद करते हुए शहर अध्यक्ष अरशद अली ने लोगों को बताया की मोदी सरकार में दलित और मुस्लिम निशाने पर है शायद ही किसी थाने में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो पा रहा हो वही कांग्रेस द्वारा बनाए गए कानून जिसमें दलितों की जमीन अन्य जाति द्वारा खरीदे जाने पर रोक थी उसे योगी सरकार ने खत्म कर दिया अब कोई भी दलित को डरा धमका कर जमीन खरीद सकता है गौरतलब है इंदिरा गांधी जी की सरकार ने दलित परिवारों को जमीन पर पट्टे दिए थे ।वही भाजपा सरकार ने दलित समाज को अपमानित करने वाले *गीता प्रेस* को पुरस्कृत किया गया जिसने बाबा साहब पर जातिगत टिप्पणी वाले लेख प्रकाशित किए थे।
अरशद अली ने कहा वही भाजपा सभी कानून समानता लाने के नाम पर यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट के बहाने भविष्य में आरक्षण को खत्म करने का रास्ता खोला जा रहा है क्योंकि आरक्षण भी एक विशेष अधिकार है जो सामाजिक आधार पर सिर्फ दलितों और पिछड़ों को मिला है यानी कांग्रेस के कमजोर होने से हमारे संवैधानिक अधिकार ही खतरे में पड़ गए
ऐसे में जरूरी है कि दलित अपने पुराने घर कांग्रेसमें लौट आए जैसे मुस्लिम कांग्रेसमें लौटने का फैसला कर चुका है।
इस मौके पर दलित नेता कामेश्वर सोनकर ने कहा कांग्रेसी एक ऐसी पार्टी भी है जिसे सभी समुदाय वोट कर सकते हैं लेकिन ऐसा तब होगा जब पहले हम कांग्रेस में लौटेंगे
याद रहे जब हम दोनों कांग्रेस को वोट दिया करते थे तब 1989 तक पूरे देश में भाजपा के सिर्फ दो ही सांसद होते थे यदि हम दोनों लोग वापस कांग्रेस को वोट देते हैं तो यह इतिहास फिर से हम दोहरा सकते है। वही शहर महासचिव नागेन्द्र मिस्रा ने कहा संविधान को बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना जरूरी हो गया क्यूंकि संविधान है तो देश है देश है तो हम है।
इस मौके पर शहर अध्यक्ष अरशद अली, पिछड़ा वर्ग के शहर अध्यक्ष मो हसीन, शहर महासचिव नागेन्द्र मिस्रा, दलित नेता कामेश्वर सोनकर, तालिब अहमद,महफूज़ अहमद, दरकशा कुरैशी तबरेज अहमद, जाहिद नेता, मुख्तार अहमद, गुलाम वारिस, मोहित नेगी, विशाल सोनकर,आदि मौजूद थे।