जमुना गहरी भरे पनिया न जईबे की प्रस्तुति पर मन मोहा
जमुना गहरी भरे पनिया न जईबे की प्रस्तुति पर मन मोहा
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित दीपावली शिल्प मेले की शाम मंगलवार को भजन और लोकगीत के नाम रही।
सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ नीरज सिंह एवं दल ने “ये तेरा ना ये मेरा ,राम सुमिर के रहम करे ना” की प्रस्तुति देकर की।
इसके बाद जितेन्द्र कुमार एवं दल ने वीर रस से ओत-प्रोत आल्हा शैली में “बड़े लड़इयां गढ़ महोबा के, जिनसे हार गई तलवार, एक खां मारे दो मर जाएं, तीसर खौफ खाए मर जाए” आल्हा गायन की प्रस्तुति दी, जिससे पंडाल में उपस्थित सभी दर्शक वीर रस से ओत- प्रोत हो उठे।
लोकगायिका प्रतिमा यादव ने “जमुना गहरी, भरे पनिया न जईबे जमुना गहरी एवं दरदिया उठे भारी, अरे मोरे राजा” लोकगीत पर कहरवा नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों में जोश और उत्साह का संचार कर दिया। सुभद्रा देसाई ने “मंगल मूरति मारूति नन्दन, समरथ सुवन समीर के रघुवीर प्यारे” की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की खूब वाहवाही पाई। इसी क्रम में अखिलेश एवं दल ने पाई डंडा और दीवारी लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषार्थी ने किया।
इस अवसर पर केन्द्र के अधिकारी और कर्मचारियों सहिता काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।