लोकगीत एवं नृत्य से सजी शिल्प मेले की शाम
लोकगीत एवं नृत्य से सजी शिल्प मेले की शाम
प्रयागराज। दीपावली शिल्प मेले की सातवीं शाम उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र का मुक्ताकाशी मंच दूधिया रौशनी से नहा उठा। 13 दिवसीय दीपावली शिल्प मेला में गुरुवार को पारंपरिक कर्मा एंव राई नृत्य, लोकगीत और भजनों की प्रस्तुति हुई।
प्रयागराज की संदीपमा वर्मा ने देवी गीत झूला झूले निमिया की डरिया दयाल मैहर वाली मयरिया, कहे तोसे सजना यह तोहरी सजनिया पग पग लिए जाऊं तुम्हारी बलैया और अवध सैया मोरी छोड़ो ना बईया सिया के सैया मोरी छोड़ो ना बईया की प्रस्तुति से कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद भजन गायक प्रत्युष श्रीवास्तव ने सुबह सवेरे ले कर तेरा नाम प्रभु, हमारे साथ प्रभु तो किस बात की चिन्ता पेश कर पूरा महौल भक्ति से सराबोर कर दिया। सोनभद्र तथा मध्य प्रदेश के लोक कलाकारों ने राई एवं करमा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। मीरजापुर की नीतू वर्मा ने छम-छम बाजे रे पैंजानियां मारूती नंदन की प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।
लुभा रहे हैं कपडें और मैदानी कलाकार- दीपावली शिल्प मेले में पंजाब का फुलकारी, टेराकोटा बर्तन तथा अन्य राज्यों के कपडों के साथ राजस्थान का कच्ची घोड़ी और हरियाणा का बीन वादन लोगों को खूब लुभा रहे हैं।