October 25, 2024

लोक संस्कृति से अपनी छटा बिखेरता दीपावली शिल्प मेला

0

लोक संस्कृति से अपनी छटा बिखेरता दीपावली शिल्प मेला

प्रयागराज। देश की सांस्कृतिक विरासत की थाती समेटे दीपावली शिल्प मेला कई प्रदेशों से आए हस्तशिल्पकार अपने हुनर से मेले में चार चांद लगा रहे हैं। विभिन्न राज्यों से लाए गए प्रमुख हस्तशिल्पों के उत्पादों और शिल्पहाट के मुक्ताकाशी मंच पर लोक गायन और लोक नृत्यों का आकर्षण दिन-प्रतिदिन बढता जा रहा है। सांस्कृतिक संध्या में बुधावार शाम नौटंकी इन्स्पेक्टर मातादीन चाँद पर प्रयागराज के कलाकारों का जोश, सागर के मशहूर राई नृत्य तथा वाराणसी से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोकगीत एवं कर्मा नृत्य से उत्तर मध्य क्षेत्र सास्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) में सुर, लय व ताल की छटा बिखेरी। कार्यक्रम की शुरूआत पूनम शर्मा ने जय गणपति वंदन गणनायक, बाली उमर लरकैय्या गवानवा हम नाही जइबे एवं दिल्ली देखली पटना देखली देखली जा बम्बई की प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही लूटी। इसके बाद संतोष कुमार तिवारी ने पूजा तुम्हार हो गौरी के ललनवा
का दैइ के शिव का मनाई हो बघेली गायन को प्रस्तुत कर दर्शकों से तालियां बटोरी। सागर के लोकनृत्य राई की मनमोहक प्रस्तुति प्रहलाद कुर्मी और साथी कलाकारों ने की। रामआधार एवं दल ने आदिवासियों की पारंपरिक करमा नृत्य की प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इन्स्पेक्टर मातादीन चाँद पर नौटंकी का मंचन
नीरज कुमार कुशवाहा के निर्देशन में इन्स्पेक्टर मातादीन चाँद पर नौटंकी प्रस्तुति के माध्यम से समाज में घट रहे वर्तमान समस्या की पोल खोल दी। प्रसिद्ध व्यग्यकार हरिशंकर परसाई लिखित कहानी ‘इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर’ के मंचन में ना केवल पुलिसिया व्यवस्था की पोल खोल दिया, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी करारा प्रहार किया है। नाटक की मूल कहानी समाज में घट रहे वर्तमान समस्या पर जबरदस्त प्रभाव छोड़ता है। पूरे कहानी में इंस्पेक्टर मातादीन के माध्यम से पुलिसिया विभाग में हो रहे गड़बड़ी को आसानी से नाटक के माध्यम से दिखाने की सफल कोशिश की गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

चर्चित खबरे