शहादत स्थल बना नशा और अय्याशी का अड्डा
जब चंद्रशेखर आजाद जब शहीद हुए तो शायद यह कभी सोचा भी नहीं होंगे कि हमारे शहादत स्थल पर इस प्रकार से अय्याशियां नशाखोरी का अड्डा बन जाएगा चंद्रशेखर आजाद जी की प्रतिमा लगवाने वाले भी इस अय्याशी के बारे में नहीं सोच पाए होंगे चंद्रशेखर आजाद पार्क में प्रवेश करने के लिए टिकट लगता है। सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए गए हैं की कोई आपत्तिजनक सामान अंदर ना जाए इसके बावजूद भारी मात्रा में शराब की बोतल और आपत्तिजनक वस्तु पड़ी हुई है हालत यह है कि चंद्रशेखर आजाद जी की प्रतिमा के पास जाने वाले लोग भी इन सारी चीजों को देखकर शर्मिंदा हो जा रहे हैं।
चंद्रशेखर आजाद की कुर्बानी आज निरर्थक रह गई जब उनकी प्रतिमा के पीछे आज की युवा पीढ़ी कुछ इस तरीके से नजर आ रही है, शायद उनकी कुर्बानी व्यर्थ नजर आती है इन नई पीढ़ी के युवाओं को जो चंद्रशेखर आजाद पार्क में इस तरीके का कुकर्म करते हैं, ढेर सारी दारू की बोतल और आपत्तिजनक सामग्री आपको यहां मिल जाएगी ना जाने जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और कंपनी बाग प्रशासन कहां सोया हुआ जिन्हें यह चीज नजर नहीं आती आजादी के मस्तानों को अब यही चीज देखना बाकी रह गया था,
देश को आजादी दिलाने वाले चंद्रशेखर आज़ाद आज़ादी के मस्ताने ने क्या इसी दिन के लिए हमें आजाद भारत दिलाया था की मंदिर रूपी बने हुए आजाद पार्क में आजाद जी की प्रतिमा के पीछे इस तरीके की हरकत होगी स्थानीय बच्चे इन बोतलों को उठाकर बाहर ले जाते हैं और उसे बेचकर नशा भी करते हैं।
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रिपोर्ट सहयोगी विनोद कुमार