October 22, 2024

दरियाबाद हवेली से तुराब हैदर की क़यादत में निकाला गया अय्यामे अज़ा का अंतिम अमारी जुलूस

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दरियाबाद हवेली से तुराब हैदर की क़यादत में निकाला गया अय्यामे अज़ा का अंतिम अमारी जुलूस

खत्म हुआ अय्यामे अज़ा
रानीमंडी इमामबाड़ा नक़ी बेग से सग़ीर हुसैन सग्गी द्वारा सन 50 में क़ायम किया गया जुलूस बशीर हुसैन की सरपरस्ती में निकाला गया

दरियाबाद हवेली से तुराब हैदर की क़यादत में निकाला गया अय्यामे अज़ा का अंतिम अमारी जुलूस:-

-:चकिया करबला व दरियाबाद के इमामबाड़ा अरब अली खान पर सम्पन्न हुआ अय्यामे अज़ा का अंतिम दिन का मातमी जुलूस:-

*चुप ताज़िया जुलूस के साथ नमः आंखों से दफ्न हुए अक़ीदत के फूल*

प्रयागराज :- करबला में सोने वालों माहपारों अलवेदा की सदाओं और क्या जाने अगले साल जिएंगे मरेंगे हम। पर क़ब्र में भी ताज़ियादारी करेंगे हम। की पुरदर्द सदाओं और अश्कों का नज़राना पेश करते हुए दो माह और आठ दिनों की अज़ादारी का अंतिम जुलूस रानीमंडी इमामबाड़ा मिर्ज़ा नक़ी बेग से बशीर हुसैन की सरपरस्ती में तो दरियाबाद स्थित हवेली से अमारी जुलूस तूराब हैदर की क़यादत में निकाला गया। रानीमंडी से निकला चुप ताज़िया का जुलूस अन्जुमन हैदरिया की नौहों और मातम की सदाओं के साथ बच्चा जी धर्मशाला ,डॉ चड्ढा रोड , कोतवाली ,नखासकोहना ,खुल्दाबाद ,हिम्मतगंज होते हुए चकिया करबला पर पहुंच कर सम्पन्न हुआ।मौलाना रज़ा अब्बास ज़ैदी ने शहादत ए इमाम हसन अस्करी की शहादत का मार्मिक अन्दाज़ में ज़िक्र किया।अब्बन ,हसन रिज़वी ,ज़मन ,बब्लू ,मूसी ,अनवर ,अली ,ज़हीर अब्बास , शमशाद आदि नौहाख्वानो ने क़दीमी नौहा पढ़ते हुए अश्कों का नज़राना पेश किया।अलम ताबूत व चुप ताज़िया के फूलों को करबला में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। मौलाना ज़रग़ाम हैदर , मौलाना आमिरुर रिज़वी , मौलाना सैय्यद अफ़ज़ल अब्बास , ज़ाकिर ए अहलेबैत रज़ा अब्बास ज़ैदी ,कब्बन भाई , बशीर हुसैन ,असद हुसैन ,मिर्जा काज़िम अली ,वक़ार हुसैन ,शेरु भाई , सैय्यद मोहम्मद अस्करी ,शाहिद अब्बास रिज़वी ,नियाज़ुल हसन ,समर ,नज़र अब्बास , मिर्ज़ा मुस्तफा ज़ैन ,आसिफ रिज़वी आदि शामिल रहे।वहीं दरियाबाद करैली रानीमंडी शाहगंज में महिलाओं की भी घर घर मजलिस हुई।

*रोकर यह बिमार बोला उठ्ठो सकीना चादर आई है!*

सड़सठ दिनों से करबला के शहीदों की याद में माहे मोहर्रम के चांद के साथ शुरु हुई अज़ादारी का सिलसिला आज इमाम हसन अस्करी की शहादत पर निकलने वाले जुलूस के साथ खत्म हो गया। दरियाबाद स्थित हवेली से ऐतिहासिक अमारी का बड़ा जुलूस तूराब हैदर की सरपरस्ती में निकाला गया अन्जुमन शब्बीरिया रानीमंडी ,अन्जुमन मज़लूमिया रानीमंडी , अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया बख्शी बाज़ार , अन्जुमन अब्बासिया रानीमंडी , अन्जुमन हुसैनिया क़दीम दरियाबाद , अन्जुमन हाशिमया दरियाबाद ने अपने अपने परचम के साथ जुलूस में शिरकत की।सभी मातमी अन्जुमनें एक दूसरे की पीछे पीछे नौहाख्वानी करते हुए देर रात इमामबाड़ा अरब अली खान पहुंची जहा अश्रुपूरित नेत्रों से या हुसैन अलवेदा की सदा बुलन्द करते हुए अपने अपने अलम को ठण्डा किया। अन्जुमन के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार माहे रबीउल अव्वल की आठवीं को शहादत इमाम हसन ए अस्करी इब्ने नक़ी की शहादत के साथ दो माह से चली आ रही अज़ादारी अब खत्म हो गई।

*जुलूस मार्गों पर अन्जुमनो व तंज़ीमों की ओर से लगाए गए पानी शर्बत व खाने के शिविर*

अक़ीदतमन्दों के लिए जुलूस गुज़रने के रास्ते में विभिन्न मातमी अन्जुमनो व तंज़ीमों के द्वारा ठण्डा पानी, शर्बत ,काली मसूर की दाल व ज़ीरा चावल ,नांद कबाब , बिरयानी ,चाय बिस्किट नमकीन आदि से हुसैन ए मज़लूम को भूखे प्यासे शहीद किए जाने को याद करते हुए शिविर से वितरण किया गया ।

*आज मनाई जाएगी ईद ए ज़हरा*
मोहर्रम के चांद के साथ दो माह और आठ दिनों से काले लिबास पहनने वाले ईद ए ज़हरा की खुशी में काले लिबास त्याग कर रंगीन लिबास धारण करेंगे।वहीं महिलाओं द्वारा मोहर्रम के चांद पर तोड़ी गईं चूड़ियां भी कलाई पर सजेंगी।सोग पर एक किनारे कर दी गई कढ़ाई भी चूल्हे पर चढ़ेगी।शिया समुदाय के लोग घरों में मीठे पकवान सेंवई गुलगुला पकौड़ी आदि भी बनाएंगे। विभिन्न मातमी अन्जुमनों के द्वारा रानीमंडी दरियाबाद करैली आदि स्थानों पर ताज पोशी ए इमाम ए ज़माना और ईद ए ज़हरा पर महफिलों का आयोजन भी किया जाएगा।बख्शी बाज़ार हाथा स्व खुर्शैद हुसैन में सांय ७ बजे अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया बख्शी बाज़ार की ओर शायराना महफ़िल सजेगी।मौलाना रज़ी हैदर, मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी के साथ मानिन्द शायर भी शिरकत करेंगे।

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रिपोर्ट सहयोगी विनोद कुमार

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