November 5, 2024

श्री अंनोत्सव 2023 एक्सपो का फीता काटकर कृषि मंत्री ने किया शुभारंभ

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श्री अंनोत्सव 2023 एक्सपो का फीता काटकर कृषि मंत्री ने किया शुभारंभ

कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री उ0प्र0  सूर्य प्रताप शाही तथा बलदेव सिंह औलख  राज्यमंत्री उ0प्र0, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान तथा डाॅ0देवेश चतुर्वेदी अपर मुख्य सचिव, कृषि  पहुचे बाँदा।

श्रीअन्नोत्सव 2023 कार्यक्रम के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र में श्रीअन्न, प्राकृतिक खेती, औद्यानिक फसलों एवं पशुपालन को बढावा देने हेतु कार्यशाला का आयोजन रानी दुर्गावती मेडिकल काॅलेज में आज किया गया।

कृषि मंत्री  शाही ने श्रीअन्न को बढावा देने हेतु आयोजित कार्यशाला तथा *_श्रीअन्न के उत्पादों एवं प्राकृतिक खेती को बढाने के सम्बन्ध में आयोजित श्रीअन्नोत्सव 2023 एक्सपो का फीता काटकर शुभारम्भ किया_*
इसके पश्चात उन्होंने श्रीअन्न के उत्पादन को बढाने हेतु लोंगो में जनजागरूकता लाये जाने के लिए किसानों तथा श्रीअन्न के प्रचार-प्रसार हेेतु तैयार किये गये वाहनों सहित रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह जागरूकता रैली रानी दुर्गावती मेडिकल काॅलेेज से बांदा शहर के विभिन्न स्थानों से होते हुए विकास भवन में समाप्त हुई।
कार्यशाला में हजारों की संख्या में विंध्य एवं बुन्देलखण्ड के विभिन्न जनपदों से आए हुए हजारों किसानों को सम्बोधित करते हुए  कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि पिछले छः वर्षों में आयोजित विभिन्न कार्यशालाओं में आज जनपद में आयोजित कार्यशाला सबसे सफल एवं महत्वपूर्ण रही है, जिसमें कि श्रीअन्न के उत्पादों को बडी मात्रा में पैदावार बढाने तथा प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में और अधिक विस्तार किये जाने हेतु महत्वपूर्ण सुझाव कार्यशाला में प्राप्त हुए हैं, इन सुझावों को शामिल कर आगे कृषि की कार्ययोजना एवं व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थ व्यवस्था में कृषि क्षेत्र कि लगभग 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता पर रखते हुए किसानों की समृद्धि लाने के लिए अनेकों कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में श्रीअन्न के उत्पादन को बढाने तथा प्राकृतिक खेती के लिए अनुकूल वातावरण सहित यहां की भूमि है। उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल को बढाने के लिए तथा वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए चित्रकूट मण्डल में लगभग 14 हजार तथा झांसी मण्डल में 12 हजार खेत-तालाब बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि श्री अन्न व प्राकृतिक खेती में कम जल एवं खर्च की आवश्यकता होती है। उन्होेंने कहा कि देश व प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दलहन व तिलहन के उत्पादन को बढाना होगा। उन्होंने किसानों से आहवाहन किया कि आर्थिक सम्पन्नता के लिए वह अपने खेंतो को खाली न छोडें तथा श्रीअन्न, दलहन व तिलहन की खेती को आवश्यक रूप से करें। उन्होंने कहा कि किसान खेत पर मेड और मेड पर पेड़ अवश्य लगायें।
उन्होंने कहा कि कुसुम योजना के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 6551 सिंचाई हेतु सोलर पम्प लगाये गये हैं, इसके साथ ही आनेे वाले समय में प्रत्येक जिले में 250 सोलर पम्प और स्वीकृत किये जायेेंगे। फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों की फसलों के नुकशान का मुआबजा दिया जा रहा है तथा कम ब्याज दर पर केसीसी में किसानों को लोन की व्यवस्था भी की गयी है। उन्होंने कहा कि पशुधन ही प्राकृतिक खेती का आधार है, इसलिए सहभागिता योजना के अन्तर्गत एक गाय का पालन कर इस योजना में प्रतिमाह 1500 रूपये सरकार द्वारा दिये जाने का लाभ उठायें। उन्होंने बताया कि फार्म मशीनरी में भी अनुदान दिया जा रहा है तथा झांसी-बांदा मण्डल में बीज उत्पादन हेतु 08 करोड़ रूपये की धनराशि दृष्टि योजना के अन्तर्गत दी गयी है। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के लिए बीज उत्पादन करने का कार्य किसान एफपीओ के सहयोग से करें। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न में अनेकों पौष्टिक तत्व सम्मिलित होते हैं, इस महत्व एवं श्रीअन्न के उत्पादों का आगे आने वाले समय मेें मध्यम एवं उच्च वर्ग के लोंगो के द्वारा उपयोग किये जाने से श्रीअन्न की मांग एवं मार्केट में वृद्धि होगी, जिससे कि किसानों को अत्यधिक लाभ मिलेगा। अतः किसान भाई श्रीअन्न एवं प्राकृतिक खेती को अपनायें, जिसमें खर्च कम और अधिक लाभ प्राप्त होगा। इससे पूर्व मंत्री जी ने मटौंधा ग्राम में खेत-तालाब योजना के अन्तर्गत तैयार किये गये तालाबों का निरीक्षण किया तथा किसानों से वार्ता करते हुए उनके द्वारा फसलों के उत्पादन को बढाने तथा कृषि कार्य  के साथ पशुपालन, मछली पालन एवं प्राकृतिक खेती व श्रीअन्न की खेती को बढाये जाने पर जोर देते हुए कहा कि खरीफ एवं रबी के मौसम में किसान खेतों को खाली न छोडें, खेतों में समय से बुआई करते हुए फसल उत्पादन करें।
कार्यशाला में कृषि राज्यमंत्री  बलदेव सिंह औलख ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पहले पानी के संसाधन कम होने के कारण मक्का, ज्वार, बाजरा, चना, अरहर आदि फसलों की खेती की जाती है किन्तु इन फसलों का उचित मूल्य न मिल पाने के कारण किसान गेंहू व धान तथा गन्ना आदि की खेती करने लगे, लेकिन अब मा0प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से पुनः श्रीअन्न की खेती के पुराने उत्पादों को बढावा देने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं, क्योंकि श्रीअन्न में पौष्टिकता होती है और इन फसलों के उत्पाादन में रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग नही किया जाता है, इस कारण खर्च कम होता है और लाभ अधिक मिलता है इसलिए श्रीअन्न की खेती अपनाकर अपना एवं अपने परिवार का विकास करें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई हेतु सोलर पम्प में 60 प्रतिशत अनुदान तथा उपकरण क्रय करने में भी अनुदान दिये जाने के साथ निःशुल्क बीज किट भी वितरित किये जा रहे हैं
मा0 विधायक सदर श्री प्रकाश द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान समय में लोंगो के भोजन में पौष्टिक आहार की कमी आ रही है, जिससे अनेक प्रकार की गम्भीर बीमारियां भी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें पुराना खान-पान श्रीअन्न को  अपनाने के लिए श्रीअन्न के उत्पादन एवं उसके उत्पादों को बढाना होेगा। उन्होंने कहा कि लगभग 65 करोड़ रूपये की धनराशि से संचालित की जाने वाली लिफ्ट कैनाल योजना से जनपद के अनेकों गाॅवों को सिंचाई का लाभ प्राप्त होगा।
आयुक्त चित्रकूटधाम मण्डल बांदा श्री आर0पी0सिंह ने कहा कि सबसे ज्यादा श्रीअन्न का उत्पादन बुन्देलखण्ड क्षेत्र में किया जा सकता है। उन्होंने ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो की बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खेती किये जाने पर कहा कि मोटे अनाज का अधिक से अधिक प्रयोग कर स्वस्थ्य रहा जा सकता है, क्योंकि इसमें फाइबर, कैल्शियम, फोलिकऐसिड आदि पोषक तत्व पाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह गोष्ठी किसानों के लिए अत्यन्त उपयोगी है, जिसमें कृषि वैज्ञानिकों द्वारा श्रीअन्न की खेती को बढाये जाने तथा प्राकृतिक खेती एवं पशुपालन सहित अन्य कृषि सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है, जिसका किसान लाभ उठाते हुए श्रीअन्न एवं प्राकृतिक खेती को बढायें। उन्होंने बताया कि श्रीअन्न के उत्पादों की खरीद के लिए 19 क्रय केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्रीमती दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि श्रीअन्न एवं प्राकृतिक खेती को बढाने के लिए जनपद में प्रयास निरन्तर किये जा रहे हैं। उन्होंने किसानों से आहवाहन किया कि अधिक से अधिक किसान संगठित होकर श्रीअन्न एवं प्राकृतिक खेती को अपनायें, जिससे उनकी आमदनी मेें भी वृद्धि होगी।  श्रीअन्न एक्सपो-2023 में आयोजित प्रदर्शनी में जैविक कृृषि उत्पाद बांदा कृषि विश्व विद्यालय, कृषि वानिकी अनुसंधान, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, खाद्य एवं रसद विभाग, जल जीवन मिशन कृषि विभाग पशुपालन विभाग तथा अन्य जनपदों के कृषि सम्बन्धी स्टाल लगाये गये एवं राजकीय महिला डिग्री कॉलेज की छात्राओं ने भी श्री अन्य की खेती को बढ़ावा देने हेतु नाट्य मंचन किया

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रिपोर्ट दिलीप जैन बीरेंद्र गुप्ता

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