November 22, 2025

फाफामऊ पुल नौ सितंबर से होगा बंद,लखनऊ-अयोध्या से प्रयागराज आने वाले जानें 15 दिनों तक किधर से पहुंचेंगे शहर में

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फाफामऊ पुल नौ सितंबर से होगा बंद,लखनऊ-अयोध्या से प्रयागराज आने वाले जानें 15 दिनों तक किधर से पहुंचेंगे शहर में

 

प्रयागराज।प्रयागराज को लखनऊ और अयोध्या से जोड़ने वाला गंगा पर बना चंद्रशेखर आजाद सेतु (फाफामऊ पुल) नौ सितंबर से 15 दिनों के लिए बंद रहेगा।ओवरलोड वाहनों के आने-जाने से पुल के 33 एक्सपेंशन ज्वाइंटर में से सात एक्सपेंशन ज्वाइंटर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।गाजियाबाद की फर्म जेएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड इस अवधि में इसकी मरम्मत करेगी।

एक्सपेंशन ज्वाइंटर और बेयरिंग को भी बदला जाएगा। इस दौरान फाफामऊ पुल से छोटे-बड़े सभी वाहनों का आना-जाना पूरी तरह से बंद रहेगा। लखनऊ और अयोध्या की ओर से आने वाले वाहन सहसों से अंदावा के रास्ते शास्त्री पुल से शहर में प्रवेश करेंगे। इससे लगभग 22 से 26 किलोमीटर की अधिक दूरी तय करनी होगी।

प्रयागराज से लखनऊ,रायबेरली,अयोध्या,प्रतापगढ़, सुलतानपुर जाने के लिए यह फाफामऊ का पुल मुख्य सहारा है।इससे लगभग 40 से 50 हजार लोगों का प्रतिदिन आना-जाना होता है।फाफामऊ पुल मरम्मत के लिए बंद होने का सीधा असर सड़क परिवहन पर पड़ेगा।

रोडवेज बसों का भी रूट डाइवर्जन होगा और बसों को लगभग 22 से 24 किलोमीटर का अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी।दूरी बढ़ने के साथ-साथ समय भी अधिक खर्च होगा। इसका असर यात्रियों की जेब पर भी पड़ेगा और सभी रूटों पर किराया बढ़ जाएगा।परिवहन निगम दूरी का सर्वे कराने के बाद उसी के अनुरूप नया किराया तय करेगा। फाफामऊ पुल में 33 एक्सपेंशन ज्वाइंटर है। इसमें से 2021 में लगभग 15 ज्वाइंटरों को दुरुस्त किया गया था। पुल में 32 पिलर हैं और 133 बेयरिंग लगाई गई है।

बता दें कि चार साल पहले सोरांव से बैंक रोड तक सड़क और पुल की मरम्मत और आरओबी के लिए गाजियाबाद की फर्म जेएसपी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने टेंडर लिया था। लगभग 100 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर दिया गया था।पांच साल का अभी समय पूरा नहीं हुआ है,जिसके अंतर्गत पुल की बेयरिंग, एक्सपेंशन ज्वाइंटर आदि के मरम्मत का काम किया जाएगा। लगभग छह करोड़ रुपये इस कार्य में खर्च होगा। पहले यह मरम्मत कार्य एक सितंबर से शुरू कराने का प्रस्ताव था मगर पीईटी परीक्षा के मद्देनजर यह तारीख आगे बढ़ाई गई है।

बता दें कि वाहनों के डायवर्जन होने से सार्वजनिक परिवहन के लिए 22 से 25 किलोमीटर की दूरी बढ़ेगी और 35 से 40 रुपये किराया बढ़ जाएगा। बरहाल रोडवेज पहले डायवर्जन वाले रूट का निरीक्षण करेगा,सर्वे के आधार पर कितने किलोमीटर दूरी बढ़ रही है,इसे मशीन में फीड किया जाएगा। जितनी दूरी बढ़ेगी,उसी अनुसार किराया बढ़ेगा। अभी साधारण बस का किराया प्रति किलोमीटर 1.30 रुपये है, इसी के अनुक्रम में दूरी का किराया तय होगा।

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