अल्पसंख्यक कांग्रेस ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल कय्यूम अंसारी को दी खिराजे-ऐ- अकीदत
प्रयागराज। अल्पसंख्यक कांग्रेस ने करेली क्षेत्रीय कार्यालय पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल कय्यूम अंसारी की यौमे पैदाइश पर खिराजे- ऐ- अकीदत पेश की।
इस मौके पर नि० अल्पसंख्यक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अरशद अली ने बताया महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मरहूम अब्दुल कय्यूम अंसारी का जन्म 1 जुलाई 1905 को बिहार के ज़िला शाहबाद के कस्बा देहरी आन सान में हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। आज़ादी की लड़ाई में वह उम्र के शुरूआती हिस्से में ही कूद पड़े थे। उन्होंने स्कूल से अपना नाम कटवा लिया था क्योंकि वह अंग्रेजी हुकूमत का था। कुछ छात्रों के साथ मिलकर उन्होंने एक विद्यालय गठित किया। जिसकी वजह से 16 साल की उम्र में उन्हें जेल जाना पड़ा।
अरशद अली ने कहा 1919 के खिलाफत आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। 1920 मे गांधी जी के आह्वान पर बिहार राज्य से असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया।1927 में साइमन कमीशन के भारत आगमन पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। 1937 – 38 में उन्होंने मोमिन आन्दोलन की शुरुआत की।
1940 में उन्होंने मुस्लिम लीग की अलगावदी नीतियों व पाकिस्तान की मांग का जमकर विरोध किया। 1942 में उन्होंने गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। 1947 में उन्होंने भारत के बंटवारे का जमकर विरोध किया और मुस्लिम समुदाय से अपील की वह भारत छोड़कर पाकिस्तान न जाए। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत वह बिहार सरकार में मंत्री बनाए गए।
अरशद अली ने कहा 1953 उन्होंने आल इंडिया बैकवर्ड क्लासिस कमीशन का गठन करवाया जो वाकई एक बड़ा कदम था। उन्होंने हमेशा देश के कमज़ोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया। वह भारत की हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक थे । 18 जनवरी 1973 को इस महान् स्वतंत्रता सेनानी का निधन हो गया। 2005 में भारतीय डाक सेवा द्वारा उनकी स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया ।
इस मौके पर शहर महासचिव मो हसीन, महफूज अहमद,तालिब अहमद, मुख्तार अहमद, जाहिद नेता, गुलाम वारिस, को अकमल,मो लईक, बिलाल खान, मो मदनी, कूवत अली, आदि मौजूद रहे।