प्रयागराज महाकुंभ सनातन की आस्था का महा संगम है- श्री महंत रवींद्र पुरी
प्रयागराज महाकुंभ सनातन की आस्था का महा संगम है- श्री महंत रवींद्र पुरी
प्रयागराज, महाकुम्भ मे उज्जैन के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज और राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरी गिरी महाराज को महाकुंभ के तीन शाही स्नान सहकुशल संपन्न होने पर उन्हें बधाई देते हुए उनका आशीर्वाद लिया और त्रिवेणी संगम में स्नान कर अपने राज्य उज्जैन की ओर रवाना हुए।
श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि
महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, और इस अवसर पर विभिन्न राजनीतिक और धार्मिक नेताओं का एकजुट होना सामाजिक और धार्मिक समरसता को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा की प्रयागराज का संगम गंगा,यमुना सरस्वती के संगम के साथ सनातन की आस्था का भी संगम है, और इस आस्था से जुड़े देश के सभी सनातनी 144 साल बाद आए इस आस्था के महाकुंभ के साक्षी बने हैं यह हमारे लिए गौरव की बात है।
श्री महंत हरी गिरी महाराज ने कहा कि महाकुंभ में स्नान का अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। जो शुद्धि, मोक्ष, और पुण्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा की महाकुंभ के पवित्र जल में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि
महाकुंभ में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को जीवन की सभी कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि गंगा, यमुना , और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों का जहाँ संगम होता, वहाँ के जल में विशेष शक्ति और शुद्धता होती है।जिसमे स्नान करना न केवल एक धार्मिक क्रिया है, बल्कि यह जीवन को शुद्ध, सकारात्मक और नई ऊर्जा भी प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने महाकुंभ 2025 के तीन शाही स्नान सहकुशल कुशल संपन्न होने पर बधाई देते हुए कहा कि उज्जैन 2028 मैं होने वाला महाकुंभ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज की अध्यक्षता और संत महापुरुषों के आशीर्वाद से और दिव्या और भव्य होगा। उन्होंने कहा कि आज प्रयागराज के महासंगम में स्नान करने और संत महापुरुषों का आशीर्वाद मिलने के बाद एक नई ऊर्जा शक्ति का एहसास हुआ है जो हमारे लिए बड़े गौरव की बात है।