महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते शंकराचार्य, दिया बड़ा बयान
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानते शंकराचार्य, दिया बड़ा बयान
रायपुर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती आज रायपुर पहुंचे और एक प्रेसवार्ता के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए. उनके बयान ने कई संवेदनशील मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने राष्ट्रपिता की अवधारणा पर बड़ा बयान दिया है. शांकराचार्य स्वामी अविमुकतेश्वरनंदा सरस्वती उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रपिता जैसी कोई चीज नहीं है. भारत कब से है यह कोई नहीं जानता है. पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना बने क्योंकि पाकिस्तान नया जन्मा था. भारत तो पहले से था, भारत को किसी ने नहीं जन्मा. कोई भी यहां राष्ट्रपिता के पर पद प्रतिष्ठित नहीं किया जा सकता है. लोग अफवाह फैलाते हैं और कहते हैं कि मोहनदास करमचंद गांधी राष्ट्रपिता है. मोहनदास करमचंद गांधी राष्ट्रपिता नहीं हो सकते. इसके साथ ही उन्होंने गौ-माता की प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में आंदोलन जारी रहने पर कहा कि एक देश-एक टैक्स और एक देश-एक चुनाव की बातें होती हैं, तो गाय को लेकर भी एक समान कानून होना चाहिए. इसको लेकर हम सभी प्रांत में आंदोलन कर रहे है और लोगों का अच्छा समर्थन मिल रहा है. गौ-माता की प्रतिष्ठा होनी चाहिए.