सिविल लाईन पुलिस ने किया अंधे कत्ल का खुलासा, पुरानी बुराई के कारण हुई थी हत्या
सिविल लाईन पुलिस ने किया अंधे कत्ल का खुलासा, पुरानी बुराई के कारण हुई थी हत्या
मामले का संक्षिप्त विवरण- दिनांक 04.03.24 को छतरपुर शहर में गजराज पैलेस के सामने रोड में अज्ञात हमलाबरो द्वारा एक व्यक्ति को गोली मारी गई जिससे मौके पर ही मौत हो गयी थी। जो ईशानगर के रहने वाले थे।
पुलिस को सूचना मिली, मौके पर तत्काल भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा, मौके पर जिले के पुलिस अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारियो का दलबल भी मौके पर पहुंचा। जिले में नाकाबंदी कर दी गयी, हत्यारे फरार हो चुके थे। फरियादी जो मृतक महेन्द्र गुप्ता का ड्राईवर व गनमैन था,उसकी रिपोर्ट पर थाना सिविल लाईन छतरपुर में अपराध 123/24 धारा 302 भारतीय दण्ड 25/27 आर्म्स एक्ट का अपराध अज्ञात आरोपियो के विरूद्ध कायम कर विवेचना में ले लिया गया। मौके पर एफएसएल टीम एवं तकनीकी एक्स-पर्ट बुलाये गये और घटना स्थल का निरीक्षण कर छतरपुर पुलिस के लिये चुनौती बने इस अंधे कत्ल के खुलासे हेतु गम्भीरता से लेते हुये सिविल लाईन पुलिस कार्यवाही में जुट गयी।
प्रथम दृष्टया मृतक से सीगौन निवासी एक परिवार से करीबन 25-30 वर्षो से चली आ रही पुरानी रंजिस के कारण विवाद निरंतर चला आ रहा था। मुख्य आरोपी बड़ा ही फितरती ,चुस्त चालाक शातिर अपराधी है वह अपने साथियो के साथ महेन्द्र गुप्ता एवं उसके परिवार की हर गतिविधि पर नजर रखने लगा था । गजराज होटल में वैवाहिक कार्यक्रम शामिल होने के लिये पहुंचे महेन्द्र गुप्ता जैसे ही पैलेस से बाहर आकर रोड पर पहुंचता है,तो एक लडका महेन्द्र गुप्ता के सिर में कट्टे से पास से फायर कर देता है, जमीन पर गिरे हुये महेन्द्र गुप्ता के सिर में कट्टे से चली महेन्द्र गुप्ता के सिर में लगी गोलियो से मौत हो चुकी थी।
पुलिस ने कैसे किया मामले का खुलासा- घटना के तत्काल बाद जिले के पुलिस अधीक्षक के निर्देशन मे तथा थाना प्रभारी सिविल लाईन कमलेश साहू के नेतृत्व में तत्काल अपराध के खुलासे हेतु पूरे जिले की नाकाबंदी कर दी गयी। तत्काल कई टीमे गठित की गयी,तकनीकी टीम को लगा दिया गया। सीसीटीवी फुटेज खगालने के लिये टीमे गठित कर दी गयी। सैकेडो सीसीटीवी फुटेज देखे गये,सायवर सेल भी सक्रिय होकर डाटा इकष्ठा करने लगी ,कई सीसीटीवी फुटेज सिविल लाईन पुलिस के हाथ लगे। सिविल लाईन पुलिस को एक ऐसा सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा जिससे एक संदेही की हुलिया के आधार पर पहचान करने में मदद मिली। फुटेज को शहर में कई जगह दिखाया गया तो संदेही की पहचान मुख्य आदतन आरोपी के साथी के रूप में की गयी जो विगत दो वर्षो से सह आरोपी एवं उसके परिवार वालो के सम्पर्क में होने की जानकारी मिली। संदेही आरोपी को तकनीकी सहायता से यह पता लगा लिया कि यह आरोपी घटना में शामिल है। इसी सुराग से पुलिस ने मामले में शामिल आरोपियो में से एक आरोपी को जिला सीधी से धर दबौचा , और उसने अपना जुर्म अपने साथियो के साथ करना कबूल करते हुये ,पूरी योजना एवं घटना का खुलासा सिविल लाईन पुलिस के सामने कर दिया। आरोपी के कब्जे से आलाजर्व जप्त किया गया है, तथा मुख्य आदतन आरोपी के साथी से अन्य आरोपियो के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है मामले की विवेचना की जा रही है।
निर्देशन एवं मार्गदर्शन:- पुलिस उप महानिरीक्षक ललित शाक्यवार एवं पुलिस अधीक्षक छतरपुर अमित सांघी के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह व नगर पुलिस अधीक्षक अमन मिश्रा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सिविल लाइन कमलेश साहू के नेतृत्व मे सम्पूर्ण कार्यवाही की गई ।
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रिपोर्ट उदय नारायण अवस्थी