लोकगीत, लोकनृत्य और लजीज व्यंजनों का अद्भुत संगम, राष्ट्रीय शिल्प मेला की शुरुआत 1 दिसम्बर से,
लोकगीत, लोकनृत्य और लजीज व्यंजनों का अद्भुत संगम, राष्ट्रीय शिल्प मेला की शुरुआत 1 दिसम्बर से,
राष्ट्रीय शिल्प मेले में जुटेंगे नामचीन कलाकार
संगम नगरी प्रयागराज में शुक्रवार से 12 दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेले की शुरूआत होने जा रही है। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत 1 से 12 दिसंबर तक राष्ट्रीय शिल्प मेले का आयोजन किया जाएगा। शिल्प मेले में भारतीय शिल्प, हस्त निर्मित उत्पादों की बिक्री होगी। देशभर से आए कलाकार रोज शाम शिल्प मेले को अपनी मधुर स्वर और संगीत से रोशन भी करेंगे। केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने बताया कि देश के कोने -कोने से हस्तशिल्पियों को आमंत्रित किया गया है, जिसमें भारत के पारंपरिक शिल्प और व्यंजनों के लगभग 151 स्टॉल लगाए जाएगें। इसमें हर प्रमुख राज्य के खान-पान के स्टॉल भी लगेंगे।
इसके साथ ही शास्त्रीय व उपशास्त्रीय गायन-वादन और नृत्य के साथ लोकगीतों का श्रोता लुफ्त उठा सकेंगे। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रागंण के शिल्प हाट में राष्ट्रीय शिल्प मेले की शुरूआत होगी। यह मेला 1 दिसंबर से 12 दिसंबर तक चलेगा। इसमें विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपनी कला को मंच पर प्रदर्शित करेंगे एवं स्थानीय हस्तशिल्पियों का जमावड़ा भी होगा। 1 दिसंबर को दोपहर 1 बजे शोभा यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें कलाकारों के साथ शहर के काफी संख्या में लोग शरीक होगें।
मेले में प्रवेश गेट नं 1 व 3 से होगा। मैदानी कलाकारों में कच्ची घोड़ी, बहरूपिया, भपंग वादन और कालबेलिया नृत्य प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे। मेले में मनोरंजन, खरीददारी के साथ ही खानपान का भी लुफ्त उठा सकेंगे। राष्ट्रीय शिल्प मेले में देश के विभिन्न प्रांतों के व्यंजनों की खुशबुओं का भी संगम होगा।
सांस्कृतिक कार्यकमों से रौशन होगी शाम
राष्ट्रीय शिल्प मेले में शिल्पहाट के मुक्ताकाशी मंच पर प्रत्येक शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होगी। इसमें विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। 1 दिसंबर को पद्मश्री मालिनी अवस्थी का गायन होगा। 5 दिसंबर को भोजपुरी लोकगीत की वानगी लेकर बलिया के गोपाल राय अपनी गायकी से श्रोताओं को आनन्दित करेंगे। 7 दिसंबर को पटियाला के मानक अली वही 8 दिसंबर को राजस्थान का लंगा गायन और 9 को अभिजीत घोषाल, 11 को पद्मश्री उषा बारले का पांडवानी गायन तथा 12 को मुंबई के सुप्रसिद्ध गजल गायक कुमार सत्यम अपने सुरों का जादू बिखेरेंगे।