एनसीजेडेसीसी में शिल्प मेला घुमा दा सईयां जी
एनसीजेडेसीसी में शिल्प मेला घुमा दा सईयां जी
दूसरे दिन कलाकारों ने दी एक से बढकर एक रंगारंग प्रस्तुतियां।
आकर्षक वेशभूषा, कलाप्रेमियों का ध्यान खींचते सजे -धजे चेहरे और पैरों से बजती घुंघरूओं की छम-छम से सांस्कृतिक केंद्र का मुक्ताकाशी मंच इस अंदाज में विभिन्न राज्यों से पधारे कलाकार थिरके तो लोक कलाओं का संगम जैसे हिलोरे इस गुलाबी ठंड में मारने लगा। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग प्रस्तुतियों से पूरा महौल खुशनुमा हो उठा।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत 13 दीपावली शिल्प मेला के दूसरे दिन यानी शनिवार को कार्यक्रम की शुरूआत प्रयागराज के उभरते नवोदित कलाकार साई ब्रदर्स ने सिंथसाइजर वादन से की। इसके बाद वाराणसी के व्याख्या केंद्र के बच्चों ने “पिया मेंहदी लगा दे मोती झील से एवं सुना बलम अलबेला, दिखाई देत ई शिल्प मेला की प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया। मध्य प्रदेश से आए नदीम राईन एवं दल ने “नैना बंध लागे कहियो, इमली की चटनी और आम को पानो और चीखों मोरी भौजी, जो केसों बनो” गीत पर बधाई लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर खूब तालिया बटोरी। भोजपुरी गायक नीरज पाण्डेय ने एनसीजेडेसीसी में शिल्प मेला घुमा दा सईयां जी ,धनियां सोना का पहिरबू झूठी शान हौवे गीत की प्रस्तुत कर पंडाल में बैठे दर्शक आनंदित हो उठे। संगत कलाकारों में भगवान दास बैन, राकेश बंसल, आशुतोष बंसल साथ दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ पीयूष मिश्रा ने किया।