फफूँद स्टेशन पर स्टेशन मास्टर व परिचालन कर्मचारियों के साथ मारपीट के विरोध में स्टेशन मास्टरों व पॉइंट्समैन ने काली पट्टी बांधकर ड्यूटी करते हुए जताया विरोध दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग
उत्तर मध्य रेलवे के जोनल सहायक संगठन सचिव मृत्युंजय पाण्डेय ने बताया कि 12 अक्टूबर को प्रयागराज मण्डल के अंतर्गत आने वाले फफूँद स्टेशन पर SSE TRD ने टावर वैगन चलाने के लिए मेमो दिया जिसमें पूर्ण जानकारी और कमी के चलते स्टेशन मास्टर द्वारा मेमो वापस कर दिया गया और कहा गया कि सूचना सही करके उचित मेमो दीजिये इस पर SSE ट्रैक्शन भड़क गये और स्टेशन मास्टर से कहा सुनी करने लगे l GRP व RPF के बीच बचाव के बाद मामला शांत हो गया किन्तु आधे घंटे बाद दर्जनों कर्मचारियों व बाहरी लोगों के साथ TRD स्टाफ ने स्टेशन पर आकर परिचालन विभाग का जो भी कर्मचारी मिला उसके साथ मारपीट की, घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देने के बाद भी कोई सख्त कार्यवाही नहीं हुई l स्टेशन मास्टर नैनी राजन सिंह ने बताया स्टेशन मास्टर अपनी गरिमा और सुरक्षा पर प्रहार से आहत और दुःखी हैं l ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के मण्डल सचिव ज्ञानेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस निंदनीय घटना के बाद मारपीट करने वाले दोषी TRD कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही न होने से न केवल मण्डल के अपितु पूरे देश के सभी स्टेशन मास्टर दुःखी और आहत हैं और सख्त कार्यवाही के साथ दोषी कर्मचारियों के निलंबन की मांग कर रहे हैं l मण्डल उप सचिव दीपक कुशवाहा ने बताया कि संगठन फफूंद स्टेशन पर TRD कर्मचारियों द्वारा हमारे स्टेशन मास्टर साथियों व पॉइंट्समैन के साथ की गई मारपीट जैसी शर्मनाक और अमानवीय घटना की हम सभी स्टेशन मास्टर साथी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। आज प्रयागराज मंडल के सभी स्टेशन मास्टर साथी इस घिनौनी घटना के विरोध में काली पट्टी बांधकर ड्यूटी कर रहे हैं, ताकि प्रशासन को यह संदेश स्पष्ट रूप से मिल सके कि हम अपनी गरिमा और सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। DRM साहब द्वारा दोषी कर्मचारियों को निलंबित करने का मौखिक आदेश देने के बावजूद, अब तक Sr. DEE महोदय द्वारा किसी भी दोषी TRD कर्मचारी पर कार्रवाई न करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि दोषी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु सख्त कदम उठाए जाएँ। यदि स्टेशन मास्टर ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो रेल संचालन कैसे सुरक्षित रह सकता है l इस घटना से न केवल स्टेशन मास्टर की गरिमा अपितु रेल संचालन और रेलवे की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया गया है l यदि समय रहते न्याय नहीं मिला, तो स्टेशन मास्टर वर्ग को आंदोलनात्मक कदम उठाने पर बाध्य होना पड़ेगा।