October 20, 2025

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन परियोजना के चल रहे कार्यों का दौरा किया

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन परियोजना के चल रहे कार्यों का दौरा किया

केंद्रीय रेल मंत्र अश्विनी वैष्णव ने आज अहमदाबाद के साबरमती में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (बुलेट ट्रेन) परियोजना के प्रमुख निर्माण स्थलों का दौरा किया। मंत्री ने साबरमती हाई स्पीड रेल (एचएसआर) स्टेशन, एचएसआर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और रोलिंग स्टॉक डिपो में चल रहे कार्यों की समीक्षा की।

साबरमती एचएसआर स्टेशन: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का यह टर्मिनल स्टेशन साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के चरखे से प्रेरित है। यह स्टेशन 45,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है।

ट्रैक के तल तक संरचनात्मक कार्य पूरा हो चुका है। आंतरिक और एमईपी कार्य प्रगति पर हैं। यह स्टेशन विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएँ प्रदान करेगा – प्रतीक्षालय, विश्राम कक्ष, नर्सरी, खुदरा और वाणिज्यिक स्थान – और यह मौजूदा रेलवे, मेट्रो और बीआरटीएस नेटवर्क से निर्बाध रूप से जुड़ा होगा।

साबरमती एचएसआर मल्टीमॉडल हब: इसे एक अत्याधुनिक सुविधा के रूप में डिज़ाइन किया गया है जो एचएसआर स्टेशन, साबरमती रेलवे स्टेशन, मेट्रो और बीआरटीएस के बीच सुचारू कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है।

इमारत की सामने की दीवार पर दांडी मार्च का एक स्टेनलेस स्टील का भित्तिचित्र बना है, जो साबरमती की ऐतिहासिक विरासत का सम्मान करता है। इस हब में कार्यालय स्थल, होटल सुविधाएँ और खुदरा दुकानें व रेस्टोरेंट जैसी यात्री सुविधाएँ शामिल हैं। इसमें लगभग 1,200 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा है। इस हब में सौर पैनल, भू-दृश्य वाले टेरेस और ऊर्जा-कुशल प्रणालियों सहित व्यापक हरित अवसंरचना भी है।

साबरमती एचएसआर रोलिंग स्टॉक डिपो: यह परियोजना के तहत निर्मित तीन डिपो में सबसे बड़ा है। यह हब 84 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह हब निरीक्षण, अस्तबल और कार्यशाला लाइनों के साथ ट्रेनसेट के हल्के और भारी रखरखाव में सहायता करेगा।

प्रशासनिक भवन, निरीक्षण शेड, और उपयोगिताओं व पटरियों के लिए बुनियादी ढाँचे का निर्माण तेज़ी से चल रहा है। डिपो पर्यावरणीय स्थिरता मानदंडों का पालन करेगा। इसमें वर्षा जल संचयन, सौर ऊर्जा प्रावधान और शून्य द्रव निर्वहन उपचार प्रणालियाँ होंगी।

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति: 508 किलोमीटर में से, 325 किलोमीटर वायडक्ट और 400 किलोमीटर पियर का काम पूरा हो चुका है। 17 नदी पुल, 5 पीएससी पुल और 10 स्टील पुल भी पूरे हो चुके हैं।

216 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जा चुकी है। रेल लाइन पर 4 लाख से ज़्यादा ध्वनि अवरोधक लगाए गए हैं। गुजरात के सभी स्टेशनों पर काम अंतिम चरण में है। मुंबई भूमिगत खंड पर तेज़ी से प्रगति हो रही है।

रेल मंत्री ने कार्य की गति की सराहना की और इस बात पर ज़ोर दिया कि परियोजना समय पर पूरी होने की राह पर है। उन्होंने कहा कि देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचे और ‘2047 तक विकसित भारत’ के विज़न का प्रतिनिधित्व करती है।

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