October 21, 2025

राजभाषा पखवाड़ा के उपलक्ष्य में उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन

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राजभाषा पखवाड़ा के उपलक्ष्य में उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन


राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की रचनात्‍मक सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्‍य से महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह के निर्देशानुसार और मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान मुख्‍य संरक्षा अधिकारी जे सी एस बोरा के मार्गदर्शन में उत्‍तर मध्‍य रेलवे मुख्‍यालय के राजभाषा विभाग द्वारा राजभाषा पखवाड़ा के उपलक्ष्य में महाप्रबंधक कार्यालय में हिंदी टिप्‍पण एवं प्रारूप लेखन, हिंदी निबंध लेखन एवं हिंदी वाक् , हिंदी टाइपिंग और हिंदी आशुलिपि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में मुख्‍यालय के कर्मचारियों ने अत्‍यंत उत्‍साह से भाग लिया। कृत्रिम बुद्धिमत्ता – अवसर, चुनौतियाँ और भविष्य विषय पर आयोजित हिंदी वाक प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने विविध क्षेत्रों में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग के फायदे और जोखिम बारे में अपने विचार व्‍यक्‍त किए और रेलवे की कार्यप्रणाली, यात्री सुविधाओं, रेल संचालन सहित राष्‍ट्रीय जीवन के विकास में इसके सकारात्‍मक उपयोग के महत्‍व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर निर्णायक के रूप में उपस्थित उप मुख्‍य सतर्कता अधिकारी/यांत्रिक हरीश कुमार ने कहा कि कृत्रिम मेधा सूचनात्‍मक ज्ञान के मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग आधारित न्यूरल नेटवर्क प्रणाली है, जबकि मानवीय बुद्धि नैतिक एवं मूल्‍यपरक चेतना तथा संवेदना से जुड़ी हुई हैं। आखेटक, पशुपालक, कृषि तथा औद्योगिक समाज की सभ्‍यतागत यात्रा के पड़ाव तय करते हुए आज हम सूचना त‍कनी‍क समाज में पहुँच गए हैं, जिसका सबसे नवीनतम स्‍वरूप आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस है। व्‍यक्ति और समाज को इस आधुनिकतम तकनीक के इस्‍तेमाल में आत्‍म नियंत्रण और आत्‍मानुकूलन बरतना चाहिए। इस अवसर पर दूसरे निर्णायक के रूप में उपस्थित उप मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं उप वित्तसलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी/पी यू डॉ स्वामी प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि जनरेटिव एआई आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का नया आयाम है। एआई द्वारा तेज गणना और सभी पूर्वानुमान किया जा सकता है। लेकिन इसके खतरे और जोखिम भी बहुत अधिक हैं, जिसमें डेवलपर की पूर्वाग्रह भावना, पारदर्शिता का अभाव, तथ्‍याधारित, सहनुभूतिपरक एवं आत्‍मनिष्‍ठ निर्णय की अक्षमता, निजता का हनन, साइबर अपराध, समाज के कमजोर वर्गों के बीच असमानता और डिजिटल डिवाइड जैसे पहलू शामिल हैं। डा पाण्डेय ने एआई के इस्‍तेमाल के सुदृढ़ कानूनी और नियामकीय व्‍यवस्‍था की आवश्‍यकता पर बल दिया। इस प्रतियोगिता में श्री मो. ओसामा, मुख्य सतर्कता निरीक्षक को प्रथम स्‍थान, सुश्री कुमारी किशोरी ,मुख्य कार्यालय अधीक्षक, सतर्कता विभाग को द्वितीय स्‍थान तथा आमोद कुमार त्रिपाठी, उप निरीक्षक/रेल सुरक्षा बल को तृतीय स्‍थान प्राप्‍त हुआ। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी यथार्थ पाण्‍डेय द्वारा किया गया।
राजभाषा पखवाड़ा के अवसर पर आयोजित हिंदी टिप्‍पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियगिता में राम बिहारी, कनिष्ठ लिपिक, परिचालन विभाग को प्रथम स्थान, प्रवीण नेवालकर,मुख्य तकनीकी सहायक, बिजली विभाग को द्वितीय स्थान और सुश्री कुमारी किशोरी ,मुख्य कार्यालय अधीक्षक, सतर्कता विभाग को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता नें अर्जुन सिंह, लेखा लिपिक, लेखा विभाग को प्रथम, सुश्री कुमारी किशोरी , मुख्य कार्यालय अधीक्षक, सतर्कता विभाग को द्वितीय तथा बृज मोहन, वरिष्ठ लिपिक, यांत्रिक विभाग को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। हिंदी टाइपिंग प्रतियोगिता में संदीप कुमार केसरवानी, ट्रैकमैन एवं ट्विटर हैंडलर, जनसंपर्क विभाग को प्रथम, अमरजीत सिंह, वरिष्ठ लिपिक, वाणिज्य विभाग को द्वितीय और सौरभ पटेल वर्मा, कार्यालय अधीक्षक, वाणिज्य विभाग को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। पुरस्कार विजेता कर्मचारियों को 30 सितंबर को आयोजित मुख्य समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

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