‘ऑपरेशन नन्हें फ़रिश्ते’ के तहत 2 नाबालिग लड़कों को चाइल्ड लाइन को किया सुपुर्द
रेलवे सुरक्षा बल ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के माध्यम से रेलवे परिसरों एवं ट्रेनों में पाए जाने वाले असुरक्षित या संकटग्रस्त बच्चों को बचाती है । ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ एक ऑपरेशन से कहीं अधिक उन हजारों बच्चों के लिए एक जीवन रेखा है जो खुद को संकट में पाते है और जिनको सहायता की अवश्यकता है । ‘आपरेशन नन्हे फरिश्ते’ एक महत्वपूर्ण अभियान है जो भारतीय रेलवे क्षेत्रों में देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों को बचाने के लिये पूर्णरूप से समर्पित है । इस अभियान से बाल श्रम एवं तस्करी पर अंकुश लागया गया है । रेलवे सुरक्षा बल द्वारा बच्चों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक ट्रैक चाइल्ड पोर्टल बनाया है एवं बड़ी संख्या में रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्प डेस्क स्थापित की हैं । बच्चों को बचाने के बाद जिला बाल कल्याण समिति को सौंपा जाता है, जो उन्हें उनके माता-पिता को सौंपती है ।
दिनांक 14.09.2025 को वाणिज्य सह टिकट लिपिक/प्रयागराज, गौरव कुमार को प्रयागराज जंक्शन पर के प्लेटफॉर्म संख्या -1 के दिल्ली छोर पर 2 नाबालिक बच्चे मिले । संदेह होने पर गौरव कुमार दोनों बच्चों को लेकर उन्हें लेकर रेलवे सुरक्षा बल/ प्रयागराज के पास गए । रेलवे सुरक्षा बल/ प्रयागराज के उपनिरीक्षक संजय कुमार तिवारी द्वारा पूछने पर नाबालिक बच्चों ने अपना नाम मोहम्मद सैफ जावेद पुत्र जावेद अहमद, उम्र 12 वर्ष, पता -दौराजी धोरधोरा, थाना जीयनपुर जिला आजमगढ़ एवं मोहम्मद मुज़फ़्जीर पुत्र सिराज अहमद, उम्र 14 वर्ष, पता -दौराजी धोरधोरा, थाना जीयनपुर जिला आजमगढ़ बताया । रेलवे सुरक्षा बल द्वारा दोनों नाबालिक बालकों को परिजनों से मिलने के लिए अग्रिम कार्यवाई करते हुये चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया ।